सहारनपुर। जिले में कुल मदरसों की संख्या 813 है, जिनमें 507 को मान्यता है। मदरसा प्रबंधन और संचालकों का दावा है कि वे अपने यहां दीनी तालीम के साथ ही हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और कंप्यूटर की भी शिक्षा देते हैं।
पड़ताल में सामने आया कि दीनी तालीम के अलावा मदरसे सामान्य शिक्षा भी दे रहे हैं। हालांकि कुछ मदरसों के प्रबंधन के दावे सच नहीं पाए गए। वहां केवल दीनी तालीम और उर्दू ही सिखाई जाती है। जिले में 228 मदरसों का आधुनिकीकरण योजना में चयन हुआ था। सामान्य शिक्षा देने के लिए तीन शिक्षक अलग से रखे गए थे। इन शिक्षकों को लंबे समय से वेतन नहीं मिला है, फिर भी छात्रों को पढ़ा रहे हैं। दूसरी ओर 306 मदरसों की मान्यता नहीं है। यह सरकार से मदद भी
नहीं लेते हैं।
दारुल उलूम में कक्षा पांच तक दी जाती है सामान्य विषयों की शिक्षा
दारुल उलूम के तंजीम-ओ- तरक्की विभाग के उपप्रभारी अशरफ उस्मानी ने बताया कि संस्था में प्राथमिक अनुभाग के तहत कक्षा पांचवीं तक के छात्रों को सामान्य शिक्षा दी जाती है। इसमें गणित, हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी सहित अन्य विषय पढ़ाए जाते हैं। वहीं, देवबंद के मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि उनके यहां सामान्य शिक्षा दी जाती है, ताकि बच्चे स्कूलों में भी दाखिला ले सकें।