लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय
विद्यालयों में कक्षा एक व दो की किताबों के लिए बच्चों को अभी और इंतजार करना होगा। दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके टेंडर की औपचारिकता पूरी करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी। वहां से अनुमति मिलने के बाद वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। फिर भी किताबें आने में अभी डेढ़ से दो महीने लगेंगे।
परिषदीय विद्यालयों में नए सत्र 2024-25 में कक्षा एक-दो में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया गया है। यही वजह रही कि कक्षा एक-दो की किताबों के लिए टेंडर अन्य क्लास की किताबों के साथ नहीं किया जा सका। वहीं पहली बार में टेंडर सफल नहीं हुआ। राज्य परियोजना निदेशालय ने दोबारा इसके लिए टेंडर किया और जब तक औपचारिकता पूरी की, तब तक आचार संहिता लग गई।
ऐसे में विभाग ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर पिछले दिनों अनुमति मांगी थी। अब आयोग से अनुमति मिल गई है और विभाग ने वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया
तेज कर दी है। हालांकि किताबों के छपकर आने और उनके स्कूल तक पहुंचने में डेढ़ से दो महीने का समय लगेगा। इस बीच 15 मई से विद्यालयों में गर्मी की छुट्टियां हो जाएंगी। ऐसे में बच्चों को अब जुलाई में ही किताबें मिलेंगी और तब वह इससे पढ़ाई करेंगे।
बता दें कि परिषदीय विद्यालयों में एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हुआ है। नया सत्र शुरू होने के कुछ दिन बाद कक्षा तीन से आठ की किताबें तो पहुंचा दी गईं, लेकिन कक्षा एक-दो के बच्चे पुरानी किताबों या बिना किताबों के ही पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि बच्चों की ज्यादातर किताबें फट गई हैं। ऐसे में मौखिक पठन-पाठन ही ज्यादा चल रहा है।
वहीं पाठ्यपुस्तक अधिकारी माधव तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद किताबों की छपाई के लिए वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। शासन से अनुमति के बाद वर्क ऑर्डर जारी किया जाएगा। इसके बाद डेढ़ महीने में किताबें आ जाएंगी।