नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के प्रमुख जगदीश कुमार ने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट-यूजी (सीयूईटी-यूजी) और नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) के लिए अंकों का सामान्यीकरण इस साल से खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल अंकों के सामान्यीकरण की जरूरत नहीं होगी क्योंकि एक विषय के लिए दोनों परीक्षाएं एक ही पाली में होंगी। सामान्यीकरण एक छात्र के अंक को इस तरह से संशोधित करने की प्रक्रिया है कि वह दूसरे के अंक के साथ तुलना योग्य हो जाए। यह तब जरूरी हो जाता है जब एक ही विषय की परीक्षा कई सत्रों में कराई जाती है और प्रत्येक सत्र में एक अलग पेपर होता है। छात्र परीक्षा में उनके प्रदर्शन पर 'अनुचित रूप से' प्रभाव डालने वाले अंकों के
सामान्यीकरण को लेकर चिंता जताते रहे हैं।
कुमार ने कहा कि पहले हमें छात्रों को पहली पसंद का केंद्र प्रदान करने की कोशिश में एक ही पेपर के लिए दो या तीन दिनों के लिए परीक्षा करानी पड़ती थी लेकिन इस वर्ष, ओएमआर मोड को अपनाने से बड़ी संख्या में केंद्र स्कूलों और कॉलेजों में उपलब्ध होंगे, जिससे हम एक ही दिन में देशभर में परीक्षा कराने में सक्षम होंगे। यदि एक ही पेपर के लिए परीक्षा कई दिनों में कराई जाती है तो सामान्यीकरण की आवश्यकता होती है और यह एक वैज्ञानिक विधि है।
सीयूईटी-यूजी इस बार 15 से 24 मई तक कराई जाएगी। कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड में स्नातक पाठ्यक्रमों के 15 विषयों में प्रवेश के लिए सीयूईटी-यूजी पेन और पेपर मोड में आयोजित करेगा। जबकि, 48 विषयों के लिए ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जाएगा। इसी तरह यूजीसी नेट पहले जो सीबीटी मोड में कराई जाती थी, 16 जून को पेपर और पेन मोड में कराई जाएगी।