प्रदेश की खेलकूद प्रतियोगिताओं से सीबीएसई और सीआईएससीई बाहर


नए सत्र में स्पोर्ट्स फॉर स्कूल का विस्तृत कार्यक्रम निर्धारित


लखनऊ। प्रदेश में नए सत्र 2024-25 को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। विभाग ने पढ़ाई के साथ-साथ प्रदेशीय विद्यालयी खेलकूद प्रतियोगिताओं का भी कैलेंडर जारी किया है। इसमें जहां विभिन्न स्तर पर आयोजन की तिथि तय की गई है वहीं नए सत्र से सीबीएसई व सीआईएससीई के छात्र प्रदेशीय विद्यालयी खेलों में प्रतिभाग नहीं करेंगे।

माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय, जिला, मंडल व प्रदेश स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा। इसमें माध्यमिक के साथ-साथ बेसिक के कक्षा छह से आठ तक के अंडर 14 आयु वर्ग के छात्र शामिल किए जाएंगे। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राओं को प्रतियोगिताओं में सीधे एक

यूनिट के रूप में शामिल किया जाएगा। जबकि इस सत्र से सीबीएसई व सीआईएससीई से संबद्ध प्रदेश के विद्यालयों के छात्र प्रदेशीय विद्यालयी खेलों में प्रतिभाग नहीं करेंगे। विभाग ने इसका स्पष्ट कारण तो नहीं बताया है लेकिन माना जा रहा है कि ऐसा यूपी बोर्ड के छात्रों को ज्यादा अवसर उपलब्ध कराने के लिए किया गया है। इस बार से ट्रायल के तौर पर थांगता मार्शल आर्ट, कलारीपयट्ट, मलखम्भ, शतरंज, योगासन आदि को भी प्रतियोगिताओं में शामिल करने का निर्णय लिया है। इनका ट्रायल तीन साल के लिए होगा।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने कहा है कि हर जिले में राजकीय इंटर कॉलेज, सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय, स्ववित्तपोषित विद्यालय,

कस्तूरबा बालिका व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे अनिवार्य रूप से स्पोर्ट्स फॉर स्कूल कार्यक्रम के तहत कम से कम दो खेलों में ब्लॉक व जिला स्तर पर प्रतियोगिता में शामिल होंगे। खेलकूद के आयोजन के लिए जिला स्तर पर डीआईओएस व मंडल स्तर पर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में समिति काम करेंगी।

खेलकूद प्रतियोगिताएं 19 वर्ष से कम

(सीनियर), 17 वर्ष से कम (जूनियर) और 14 साल से कम (सब जूनियर) आयु वर्ग में आयोजित की जाएंगी। इसके लिए 21 अगस्त से अक्तूबर दूसरे सप्ताह तक का प्रदेश स्तर पर कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा है कि विद्यालय स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिता के लिए आयोजन का व्यय क्रीडा शुल्क व रमसा में आवंटित धनराशि से किया जाएगा। जबकि जिला, मंडल व राज्य स्तर पर प्रतियोगिता के लिए अलग से बजट आवंटित किया जाएगा।