विद्यालयों को निपुण बनाने की कवायद इस साल गति पकड़ेगी। विभाग की ओर से इस साल अक्तूबर व दिसंबर में और फरवरी 2025 में विद्यालयों का निपुण टेस्ट कराया जाएगा। विभाग 2025 तक प्रदेश के सभी विद्यालयों को निपुण बनाने का लक्ष्य लेकर काम कर रहा है। पूर्व में 16 हजार से ज्यादा विद्यालय इस परीक्षा में पास हो चुके हैं। अब दूसरे चरण में इनकी संख्या बढ़ाने पर जोर है।
विभाग की ओर से विद्यालयों को निपुण लक्ष्य पाने के लिए विभिन्न स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। इसके तहत जहां पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं, वहीं शिक्षकों का भी प्रशिक्षण आदि कराकर व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है। इसी क्रम में शैक्षिक सत्र 2024-25 में निपुण
विद्यालय बनाए जाने के लिए वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत तय किया गया है कि डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से विद्यालयों का अक्तूबर, दिसंबर 2024 व फरवरी 2025 में आकलन कराया जाएगा। इसमें 80 फीसदी से अधिक बच्चों के निपुण पाए जाने पर ही विद्यालय को निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा। विद्यालयों को उनकी प्रगति के अनुसार तीन श्रेणी में भी बांटा जाएगा और आगे चलकर उसके अनुसार काम किया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यालयों को इस श्रेणी में लाया जा सके। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बीएसए को निर्देश दिए हैं कि सभी
खंड शिक्षा अधिकारी निर्धारित प्रस्ताव के अनुसार आवश्यक तैयारी पूरी कर लें।
उन्होंने कहा है कि गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने पर डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स की बैठक व प्रधानाध्यापकों की बैठक कर इसकी वार्षिक कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए। बीएसए व बीईओ बच्चों के अधिगम स्तर को बेहतर कराने के लिए योजना बनाकर काम करें, ताकि वर्तमान सत्र में सभी विद्यालयों को निपुण विद्यालय का लक्ष्य हासिल किया जा सके। बता दें कि गत वर्ष डीएलएड प्रशिक्षुओं के आंकलन में 16169 विद्यालय निपुण विद्यालय के रूप में सफल हुए थे। बच्चों के शब्दों के ज्ञान, उनको जोड़कर पढ़ने, वाक्य बनाने, अंकों के ज्ञान व जोड़कर प्रयोग करने आदि के आधार पर निपुण लक्ष्यों का निर्धारण किया गया है। इसी के आधार पर विद्यालयों का मूल्यांकन किया जाता है।