लोकसभा चुनाव के दौरान अग्निपथ योजना भी एक बड़ा मुद्दा बना, और यही वजह रही कि अब केंद्र की NDA सरकार इसमें सुधारों के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. इसी कड़ी में तीनों सेनाओं की ओर से अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया के लिए दिए गए सुझावों के विकल्पों पर जरूरी बदलाव किए जाने की तैयारी चल रही है।
बदलाव के इन प्रस्तावों में अग्निवीरों की भर्ती की मौजूदा चार साल की अवधि को लगभग दो गुनी कर सात से आठ साल करने, सैन्य जवानों के स्थाई कैडर में अग्निवीरों को वर्तमान के 25 फीसद से बढ़ाकर 60-70 प्रतिशत तक करने के सुझावों पर भी गौर किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने 10 अलग-अलग मंत्रालयों के सचिवों को अग्निपथ योजना की समीक्षा का कार्य सौंपा है,शीघ्र ही सचिवों का समूह अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा। प्रधानमंत्री के शनिवार को वापस स्वदेश लौटने पर उनके समक्ष सचिवों के पैनल की रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सकती है। माना जा रहा है सचिवों का समूह अग्निपथ योजना के अंतर्गत वेतन भत्तों में बढ़ोतरी व कुछ अन्य लाभ बढ़ाने का प्रस्ताव दे सकता है.
हालांकि अभी इस संबंध में कोई भी औपचारिक या अनौपचारिक विचार सामने नहीं आया है. यह महत्वपूर्ण समीक्षा सरकार के प्रथम 100 दिवसीय एजेंडे में शामिल है. माना जा रहा है कि अगले सप्ताह तक सचिवों का यह समूह अपना विवरण प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष पेश कर सकता है, जिसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय किया जायेगा।