प्रयागराज
कोर्ट ने सशर्त तबादला पाने वाले प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को समान प्रोन्नति और वेतनमान देने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मनचाहा तबादला पाने के बाद समकक्ष अध्यापकों के समान प्रोन्नति और वेतन मांगना अपने ही वादों से मुकरने के समान है। ऐसे शिक्षक दोहरा लाभ नहीं ले सकते।
Allahabad High Court said Teachers taking conditional transfer are not entitled to equal salary and promotion.
सशर्त तबादला पाने वाले प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने झटका दे दिया है। कोर्ट ने सशर्त तबादला पाने वाले प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को समान प्रोन्नति और वेतनमान देने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मनचाहा तबादला पाने के बाद समकक्ष अध्यापकों के समान प्रोन्नति और वेतन मांगना अपने ही वादों से मुकरने के समान है। ऐसे शिक्षक दोहरा लाभ नहीं ले सकते।
यह टिप्पणी न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज और अन्य की ओर से दाखिल विशेष अपील को स्वीकार करते हुए की। बीएसए ने मनमर्जी तबादला पाने वाले प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्याकों और जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापकों के पक्ष में पारित एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी।
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कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को रद्द करते हुए याची शिक्षक मनोरमा आदि की याचिका को नए सिरे से सुनवाई के लिए वापस भेज दिया। साथ ही, कोर्ट ने बीएसए को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का मौका भी दिया है।
गौरतलब है कि अंतरजनपदीय तबादला नीति के अंतर्गत याची अध्यापकों ने मनचाहे जिलों में इस शर्त पर तबादला लिया था कि वे प्रोन्नति नहीं लेंगे और सहायक अध्यापकों के वरीयता क्रम में निचले पायदान पर ही कार्य करेंगे। बाद में, यह शिक्षक अपनी ही बात से मुकर गए और समकक्ष अध्यापकों के समान वेतनमान की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। तर्क दिया था कि उन्हें उनके समकक्ष अध्यापकों से कम वेतन दिया जा रहा है। पदोन्नति भी नहीं दी जा रही है।
एकल पीठ ने अभय कुमार पाठक के मामले में स्थापित समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत के आधार पर याचिका स्वीकार करते हुए याची शिक्षकों को प्रोन्नति व वेतनमान देने का आदेश दिया था। इस आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अपील पर सुनवाई के दौरान बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने दलील दी कि याची शिक्षकों ने ऑनलाइन सशर्त तबादले के लिए आवेदन किया था।
याचियों ने मनचाहे जिले मऊ में इस शर्त पर तबादला कराया था कि वे पदोन्नति व सहायक अध्यापक के पद पर ही काम करेंगे। लिहाजा, अब अपने समकक्ष अध्यापकों के समान लाभ की मांग नहीं कर सकते। कोर्ट ने अपील स्वीकार करते हुए एकल पीठ का आदेश रद्द कर दिया। साथ ही, एकल पीठ को मूल याचिका लौटाते हुए नए सिरे से निस्तारण करने का आदेश दिया। कोर्ट ने बीएसए और याचीगण को चार हफ्ते में जवाबी हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया है।
इस शर्त पर लिया था तबादला: याचियों ने मनचाहे जिले मऊ में इस शर्त पर तबादला कराया था कि वे पदोन्नति व सहायक अध्यापक के पद पर ही काम करेंगे