03 June 2025

29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नौकरी का इंतजार

 परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान और गणित विषय के 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बेरोजगार अभ्यर्थियों की सुनवाई नहीं हो रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने 29 जनवरी को बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को आदेश दिया था कि इस भर्ती में चयनित न्यूनतम कटऑफ से अधिक पाने वाले उन अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाए जिन्होंने 31 दिसंबर 2019 के पूर्व सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं की थी।


शीर्ष अदालत ने प्राथमिकता के आधार पर तीन महीने के अंदर और हर हाल में छह महीने में नियुक्ति का आदेश दिया था। हालांकि चार महीने बीतने के बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। न तो कोई अफसर अभ्यर्थियों से कुछ बोलने को तैयार है और न ही कोई सार्वजनिक विज्ञप्ति ही जारी कर रहे हैं। इस मामले में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी का कहना है कि शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।



जुलाई 2013 में शुरू हुई भर्ती में 1700 से अधिक पद खाली: 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती 11 जुलाई 2013 को शुरू हुई थी। अभ्यर्थियों के अनुसार जनवरी-फरवरी 2015 तक सात राउंड की काउंसिलिंग के बाद टीईटी में 82 अंक तक पाने वाले अभ्यर्थियों की आठवें राउंड की काउंसिलिंग कराई गई और जनवरी-फरवरी 2016 में नियुक्ति पत्र दिया गया। इस बीच पूर्व में काउंसिलिंग करा चुके लेकिन ज्वाइनिंग से वंचित अभ्यर्थियों को नवंबर 2016 में नियुक्ति का अंतिम अवसर मिला। उनकी नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी कि सरकार बदलने के बाद 23 मार्च 2017 को नियुक्ति पर रोक लगा दी गई। इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने याचिकाएं की तो हाईकोर्ट ने दो महीने में भर्ती पूरी करने का आदेश दिया, लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना। सरकार ने हाईकोर्ट में ही स्पेशल अपील और पुनर्विचार याचिकाएं दायर की लेकिन दोनों खारिज हो गईं। इस पर अभ्यर्थियों ने भर्ती न होने पर अवमानना याचिका दाखिल कर दी। इससे बचने के लिए सरकार ने मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल अपील की थी। इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामा में 1700 से अधिक पद रिक्त होने की बात बताई गई है।