अमरोहा। बाल विकास विभाग के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब लाभार्थियों को चेहरा प्रमाणीकरण के बाद ही पुष्टाहार का वितरण किया जा सकेगा। वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की गई है।
इसके लिए पोषण ट्रैकर एप पर चेहरा प्रमाणीकरण की कार्रवाई पूरा करने के लिए 30 जून तक का समय दिया गया है, लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इसमें लापरवाही बरत रही हैं। इसके चलते डीपीओ ने 547 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय पर रोक लगा दी है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब चेहरे के सत्यापन व ई-केवाईसी के बाद ही लाभार्थियों को पुष्टाहार मिलेगा। वितरण कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए यह कवायद शुरू हुई है। लाभार्थियों को 30 जून तक इस प्रक्रिया को पूरा कराना होगा, लेकिन अभी तक केवल 17 हजार लाभार्थियों का ही सत्यापन हो सका है। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनपद में 1.43 लाख लाभार्थी हैं। इनमें 13,351 गर्भवती, 10,046 धात्री महिलाएं व छह वर्ष तक के 1,19,134 बच्चे शामिल हैं। प्रत्येक बच्चे को 1.5 किलो गेहूं व दलिया, 1.5 किलोग्राम चावल, 2 किलोग्राम चना और 500 ग्राम सोयाबीन का तेल व अन्य खाद्य सामग्री बांटी जाती है।
पुष्टाहार वितरण में धांधली को रोकने के लिए विभाग पोषण ट्रैकर एप पर लाभार्थी का पंजीकरण करा रहा है। इसके लिए ई-केवाईसी व चेहरा प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य किया गया है। जुलाई से चेहरा प्रमाणीकरण होने के बाद ही लाभार्थियों को पुष्टाहार का वितरण किया जा सकेगा, लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस कवायद को आगे नहीं बढ़ा पा रही हैं। यही वजह है कि अभी तक उम्मीद के अनुसार चेहरा प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।
इसको लेकर अब विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। लापरवाही बरतने वाली 547 लापरवाह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय पर रोक लगा दी गई है। साथ ही बाल विकास परियोजना अधिकारी धनौरा व गजरौला को दो दिन में 30 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों का सत्यापन पूरा नहीं होने पर प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने की चेतावनी दी गई है।
पुष्टाहार वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के यह कवायद शुरू हुई है। लेकिन कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इसमें लापरवाही बरत रहीं है। जिन पर कार्रवाई की गई है। जीपी तिवारी, डीपीओ