लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक-छात्र अनुपात सही करने के लिए स्कूलों के विलय (पेयरिंग) की कवायद तो शुरू कर दी गई, लेकिन इसके मानक स्पष्ट नहीं किए गए। इसकी वजह से बीएसए इसके लिए अपने-अपने नियम चला रहे हैं।
वहीं जिन स्कूलों का विलय होगा, वहां के शिक्षकों-शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के बारे में भी विभाग ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। स्कूलों के विलय के लिए जारी निर्देश में कम छात्रों की कोई संख्या (मानक) नहीं बताया गया। इसकी वजह से जिलों में बीएसए कहीं 10, कहीं 20 तो कहीं 50 छात्र संख्या के आधार पर स्कूलों के विलय का निर्णय कर रहे हैं। उन्नाव में 10 से कम, मथुरा में 20 से कम, लखनऊ में 50 से कम छात्र वाले स्कूलों को विलय की सूची में लिया जा रहा है। विभाग की ओर से इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से इसमें
एकरूपता नहीं आ पा रही है। इसके साथ ही विभाग ने बाल वाटिका (प्री प्राइमरी) में इस साल और पिछले साल नामांकित बच्चों का डाटा भी एकत्र करना शुरू कर दिया है।
इसमें यह देखा जा रहा है कि कहां पर ज्यादा बच्चे हैं। ज्यादा बच्चों वाली बाल वाटिका को खाली होने वाले स्कूल के आवंटन में प्राथमिकता दी जा सकती है।
सरप्लस शिक्षकों का क्या होगा
इसी तरह जिन स्कूलों के छात्र दूसरे स्कूल में जाएंगे, वहां के शिक्षकों का क्या होगा। वहीं अगर कम छात्र वाले स्कूल के शिक्षक भी दूसरे विद्यालय में भेजे गए और वहां स्थिति सरप्लस की होगी तो क्या होगा? इतना ही नहीं अगर दोनों विद्यालय में हेडमास्टर हैं तो क्या एक विद्यालय में दो हेडमास्टर होंगे? इसी तरह विद्यालयों में दो से ज्यादा शिक्षामित्र नहीं हो सकते हैं। इन सभी चीजों को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने से जिलों में ऊहापोह बना हुआ है।
27 को डीएम के माध्यम से भेजेंगे ज्ञापन
उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी व प्रदेश महामंत्री उमाशंकर सिंह ने स्कूलों के विलय का विरोध करते हुए 27 जून को प्रदेश के सभी जिलों में डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया था। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ 21 से 30 जून तक जनप्रतिनिधियों से विलय के विरोध में सीएम को ज्ञापन भिजवायेगा।
स्थानीय स्तर पर कर रहे निर्णय
जिला स्तर पर जिला प्रशासन, स्कूल प्रशासन अभिभावकों से बात करके स्कूलों को एक करने की कवायद कर रहे हैं। वहीं शिक्षकों की समायोजन व तबादले की प्रक्रिया भी चल रही है। इसके बाद भी सरप्लस शिक्षक होंगे तो विभाग उस पर निर्णय करेगा।
- कंचन वर्मा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा