आज से यूपीआई से जुड़े नियमों में भी कई बदलाव हो रहे हैं। इसको लेकर भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने पूर्व में निर्देश जारी किया था, जो एक अगस्त से प्रभावी हो रहे हैं। यूपीआई के सर्वर पर व्यस्त समय में दबाव बढ़ने के कारण कई तरह के बदलाव किए गए हैं।
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कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने गुरुवार को कहा कि उनके विभाग ने टाटा समूह की सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टीसीएस से बड़े पैमाने पर छंटनी के पीछे का कारण बताने को कहा है।
मंत्री लाड ने कहा, कल हमें जानकारी मिली कि टीसीएस 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है। हमारे विभाग ने कारण जानने के लिए टीसीएस अधिकारियों को बुलाया है। सनराइज इंडस्ट्रीज को श्रम कानूनों से छूट दी गई है, लेकिन कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं।
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम- 2025 के सभी प्रावधान आज (एक अगस्त) से लागू होंगे। वित्त मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि नए कानून का उद्देश्य बैंक प्रशासन को बेहतर बनाना, जमाकर्ताओं और निवेशकों की सुरक्षा करना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लेखा परीक्षा में सुधार करना और सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशकों के अलावा) का कार्यकाल बढ़ाना है।
बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 को 15 अप्रैल 2025 को अधिसूचित किया गया था, जिसमें पांच कानूनों - भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम-1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम-1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम-1955 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण व हस्तांतरण) अधिनियम- 1970 और 1980 में कुल 19 संशोधन शामिल हैं। नए कानून के तहत सहकारी बैंकों में निदेशक पद के लिए बढ़ी हुई सीमा को लागू किया जाएगा।
प्रमुख सुधारों में पर्याप्त ब्याज की परिभाषा में महत्वपूर्ण संशोधन किया गया, जिसके तहत सीमा को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह सीमा 1968 से अपरिवर्तित बनी हुई थी। कानून में सहकारी बैंकों में निदेशक के कार्यकाल को अधिकतम 8 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) कर दिया गया है।
● ऐप या सेवा (जैसे एसआईपी या नेटफिलिक्स) का सब्सक्रिप्शन ऑटोपे मैंडेट के जरिए व्यस्त समय में नहीं ले पाएंगे।
● समय सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक और शाम को पांच से रात के साढ़े नौ बजे के बीच होगा।
● मैंडेट के लिए अधिकतम एक प्रयास की अनुमति होगी लेकिन तीन बार रि-ट्राई की अनुमति होगी।
● कोई ट्रांजैक्शन बीच में अटक जाता है तो बैंक या पीएसपी पर 90 सेकंड तक इंतजार करने के बाद स्टेटस देख सकेंगे।
● दो घंटे में अधिकतम तीन बार ही स्टेटस चेक सकेंगे।
● नए बदलाव से ट्रांजैक्शन की सीमाएं प्रभावित नहीं होंगी।
● मर्चेंट की लिस्ट को 24 घंटे में एक बार ही सत्यापित करने की अनुमित होगी।