इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से समर्थ पोर्टल के माध्यम से दो अक्तूबर तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं।
इस पद के लिए विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में न्यूनतम 10 वर्ष के अलावा प्रतिष्ठित अनुसंधान या शैक्षणिक प्रशासनिक संगठन में कम से कम दस साल शैक्षणिक नेतृत्व करने वाले शिक्षाविद आवेदन कर सकते हैं। अभ्यर्थी की आयु 65 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। कुलपति की नियुक्ति विश्वविद्यालय के अधिनियम के तहत गठित समिति की ओर से सिफारिश नामों के पैनल में से की जाएगी। इसका विज्ञापन उच्चतर शिक्षा विभाग के साथ ही इविवि की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
कार्यकाल पूरा करने वाली दूसरी स्थाई कुलपति होंगी प्रो. संगीता: प्रो. संगीता श्रीवास्तव इविवि की पहली स्थायी महिला कुलपति हैं। नवंबर में उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। केंद्रीय दर्जा मिलने के बाद कार्यकाल पूरा करने वाली वह दूसरी स्थाई कुलपति होंगी। 2005 में इविवि को केंद्रीय दर्जा मिलने के बाद प्रो. आरजी हर्षे को स्थायी कुलपति नियुक्ति किया गया था। उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था। उनके बाद कुलपति बनें प्रो. एके सिंह ने कार्यकाल के बीच में ही 2013 में इस्तीफा दे दिया था। प्रो. सिंह के बाद दिसंबर 2015 में प्रो. आरएल हांगलू तीसरे स्थाई कुलपति नियुक्त हुए लेकिन वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे। उन्हें भी 31 दिसंबर 2019 को इस्तीफा देना पड़ा था। प्रो. हर्षे और प्रो. हांगलू हैदराबाद विवि के थे तो प्रो. एके सिंह मुम्बई आईआईटी से आए थे। प्रो. हांगलू के इस्तीफा देने के बाद प्रो. केएस मिश्र कार्यवाहक कुलपति बने फिर प्रो. पीके साहू एक दिन के लिए कार्यवाहक कुलपति हुए तो उनके बाद प्रो. आरआर तिवारी को कार्यवाहक कुलपति का पदभार मिला था। प्रो. संगीता श्रीवास्तव इविवि के गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष रही हैं। जून 2019 में उन्हें प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भय्या विवि का कुलपति नियुक्त किया गया था। फिर 30 नवंबर 2020 को वह इविवि की कुलपति बनीं थीं।