सरकारी व निजी स्कूलों में पढ़ रहे 45 प्रतिशत छात्रों की अभी तक आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी नहीं बन सकी है। कुल 3.75 करोड़ विद्यार्थियों में 2.08 करोड़ की आईडी बन सकी है। विद्यार्थियों के शैक्षिक रिकार्ड की निगरानी इसी आईडी से की जानी है। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय ने जिलों से इस संबंध में जवाब-तलब किया है।
अपार आईडी बनाने में सरकारी स्कूल आगे हैं और निजी स्कूल लापरवाही बरत रहे हैं। परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में 1.23 करोड़ विद्यार्थियों में 92 लाख छात्रों (75.20%) की अपार आईडी ही बन सकी है। सरकारी माध्यमिक स्कूलों में 6.03 लाख में 4.61 लाख (76.59%) बनी है।वहीं 54 प्रतिशत विद्यार्थियों की अपार आईडी बनना अभी बाकी है। विद्यार्थियों की पहचान इसी अपार आईडी से होनी है। वह चाहे जिस विद्यालय में पढ़े और जिस की कक्षा में जाए, इसकी मदद से उनके पूरे शैक्षिक रिकार्ड की ट्रैकिंग की जा सकेगी, लेकिन निजी स्कूल इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय ने बीएसए व डीआईओएस को पत्र लिखकर अपार आईडी बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।