चक्रव्यूह में फंसाने को चले कई दांव
बेसिक शिक्षा विभाग के जितने नियम थे वह सभी अघोषित रूप से नदवा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा पर लागू कर दिए गए।
फूलचंद्र नाम के व्यक्ति के जरिये आईजीआरएस से शिकायत कराई गई और कम्पोजिट ग्रांट का हिसाब मांगा। प्रधानाध्यापक से हिसाब मांगा तो प्रधानाध्यापक ने उसे दे दिया फिर दस वर्ष का हिसाब मांगा गया वह भी प्रधानाध्यापक ने दे दिया।
हर चक्रव्यूह को भेदकर बेदाग साबित हुए बृजेंद्र वर्मा को शिक्षक संगठन ग्रुप पर नोटिस डालने के कथित अपराध में जबरन घेरकर उन्हें टॉर्चर किया जाने लगा। जवाब देने के लिए उन्हें 23 को सुनवाई के लिए कार्यालय में बुलाया गया जहां कथित तौर पर हुई कहासुनी के बाद बेल्ट कांड ने जन्म ले लिया।