नई दिल्ली
टिन शेड में चलने वाले स्कूलों के अच्छे परिणाम आने के दिल्ली सरकार के तर्क की दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़ी आलोचना की है। टिन शेड में चलने वाले स्कूलों से जुड़ी जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा दाखिल जवाब पर अदालत ने टिप्पणी की कि अगर अच्छे परिणाम टिन शेड वाले स्कूल को जारी रखने का कारण हैं, तो सभी स्कूलों को टिन शेड में परिवर्तित कर दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश - देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली सरकार और शिक्षा विभाग की खिंचाई करते हुए - मामले पर ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल - करने का निर्देश दिया। मामले पर अगली -सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से गैर सरकारी संगठन सोशल जूरिस्ट द्वारा दायर की गई याचिका में अशोक नगर में 100 प्रतिशत टिन शेड वाले सरकारी स्कूल का जिक्र किया गया है। इसमें 1000 छात्र पढ़ते हैं। मामले पर शिक्षा निदेशालय ने हलफनामा दाखिल कर टिन शेड के नीचे चल रहे कई सरकारी स्कूलों की स्थिति का बचाव किया था। निदेशालय ने कहा था कि बुनियादी ढांचे की कमी के बावजूद, ये स्कूल उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछली सुनवाई पर अदालत ने दिल्ली सरकार की खिंचाई करते हुए कहा था कि जब सरकार टिन शेड वाले स्कूल चला रही है तो वह निजी स्कूलों से कैसे प्रतिस्पर्धा कर सकती है। याचिकाकर्ता संगठन की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान पीठ को बताया कि शिक्षा सचिव द्वारा 2024 में आश्वासन दिया था कि स्कूलों का बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया है।