8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर कर्मचारियों और पेंशनरों की बड़ी चिंता पर आखिर सरकार ने साफ जवाब दे दिया है। राज्यसभा में मंगलवार, 2 दिसंबर 2025 को वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में पेंशन रिवीजन भी शामिल है। यानी आयोग अपने सुझाव सिर्फ वेतन और भत्तों पर ही नहीं, बल्कि पेंशन से जुड़े मुद्दों पर भी देगा। कई संगठनों ने PM और वित्त मंत्री को पत्र लिखकर पेंशन रिवीजन शामिल करने की मांग की थी, जिसके बाद यह स्पष्टीकरण खास मायने रखता है।
क्या था सवाल
सांसद जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने पूछा था कि क्या पेंशन रिवीजन 8वें वेतन आयोग में शामिल नहीं है। इसके जवाब में सरकार ने साफ कहा—“8वां वेतन आयोग, भत्तों और पेंशन समेत सभी मुद्दों पर अपनी सिफारिशें देगा।” हालांकि, DA को बेसिक में मर्ज करने को लेकर सरकार का रुख पहले जैसा ही सख्त है। चौधरी ने कहा कि मौजूदा डीए को बेसिक पे में मिलाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। DA जनवरी 2024 में 50% पर पहुंच गया था, लेकिन फिर भी DA मर्ज की मांग पर सरकार ने बार-बार ‘ना’ कहा है।
8वां वेतन आयोग पर काम शुरू
इसके साथ ही 8वें वेतन आयोग से जुड़ा एक और बड़ा अपडेट सरकार ने दिया। पूछा गया कि क्या 8वें वेतन आयोग की अधिसूचना जारी हो चुकी है? मंत्री ने बताया कि हां, 3 नवंबर 2025 को सरकार ने औपचारिक रूप से आयोग के गठन और उसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस को नोटिफाई कर दिया है। यानी 8वां वेतन आयोग अब आधिकारिक तौर पर काम शुरू कर चुका है और इसके चेयरमैन व मेंबर्स की नियुक्ति भी हो चुकी है।
टर्म्स ऑफ रेफरेंस क्या है
टर्म्स ऑफ रेफरेंस दरअसल किसी भी वेतन आयोग की ‘रूल बुक’ की तरह होते हैं, जिनके आधार पर आयोग अपनी रिपोर्ट तैयार करता है। TOR में वे परिभाषाएँ, शर्तें और विषय शामिल होते हैं जिन पर आयोग को सिफारिशें देनी होती हैं। सरकार ने यह भी बताया कि ToR का ड्राफ्ट Joint Consultative Machinery (JCM) तैयार करती है और वित्त मंत्रालय के तहत कैबिनेट कमेटी इसे मंजूरी देती है। JCM में विभिन्न मंत्रालयों के कर्मचारी यूनियन प्रतिनिधि होते हैं, जो सरकार के साथ मिलकर TOR पर चर्चा करते हैं। मंजूरी मिलते ही आयोग इन्हीं बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर देता है।

