प्रयागराज : फूलपुर सांसद प्रवीण पटेल
ने शीतकालीन सत्र के दौरान पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए टेट अनिवार्य नहीं के मुद्दे को मजबूती के साथ सदन में उठाया। कहा, अगर यह लागू हो जाए तो शिक्षकों के सामने विकट समस्या खड़ी हो जाएगी। सदन से निकलकर उन्होंने कहा, लोकतंत्र में समाज के हर वर्ग की समस्याओं को संसद में उठाना जनप्रतिनिधि का कर्तव्य है। इसी जिम्मेदारी के तहत, शीतकालीन सत्र में
मैंने उन लाखों शिक्षकों की गंभीर चिंता को रखा है, जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से प्रभावित हुए हैं। 2009, शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य करना व्यावहारिक नहीं है। मेरी स्पष्ट मांग है कि सरकार शिक्षकों के भविष्य को देखते हुए नया प्रावधान लाए और 2009 से पहले नियुक्त सभी शिक्षकों को इस नियम से छूट दी जाए। लाखों शिक्षकों की स्वाभाविक चिंता का
समाधान करना समय की मांग है। संसद के माध्यम से मैंने यही आग्रह सरकार के समक्ष रखा है। भाजपा सरकार हमेशा शिक्षकों के हितों के प्रति संवेदनशील रही है, और मुझे विश्वास है कि इस विषय पर भी सकारात्मक निर्णय अवश्य होगा। इस प्रकरण में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने उन्हें पिछले दिनों ज्ञापन भी दिया था। सदन में मामले को उठाने पर आभार भी जताया है।

