भारत निर्वाचन आयोग के आदेश की अवहेलना,दूर दराज जिलों के रहने वाले शिक्षको की लगायी गई बीएलओ मे ड्यूटी


प्रदेश के मऊ बाराबंकी इटावा  फर्रुखाबाद सिद्धार्थनगर जिले समेत कई जिलो मे भी सैकड़ो सहायक अध्यापक को बनाया गया बीएलओ

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के खिलाफ शिक्षको की ड्यूटी बीएलओ के रूप में लगाने से बच्चों की शिक्षा हो रही है प्रभावित


जलेबीगंज हर्रैया बस्ती।जहाँ एक तरफ कोरोना संक्रमण के कारण विद्यालय लम्बे समय से बंद होने के कारण बच्चों की आफलाइन शिक्षा प्रभावित हुई और अब जब बच्चो के लिए विद्यालय खोले गए ताकि बच्चो की शिक्षा प्रभावित न हो ठीक इसी बीच प्रदेश के मऊ बाराबंकी इटावा  फर्रुखाबाद सिद्धार्थनगर जिले समेत कई जिलो मे भी सैकड़ो सहायक अध्यापको को भारत निर्वाचन आयोग के आदेश की अवहेलना कर बीएलओ के रूप मे ड्यूटी लगा दी गई जिससे विद्यालयों मे शिक्षण कार्य प्रभावित होने से इसका सीधा असर  बच्चो पर पड़ रहा है।प्रदेश के कई जनपदो मे भारत निर्वाचन आयोग के आदेश को ताक पर रखकर सहायक अध्यापको की ड्यूटी बीएलओ के रूप मे लगाई गई है जबकि भारत निर्वाचन आयोग का आदेश है कि दूसरे जिलो के रहने वाले कर्मचारियो की बीएलओ ड्यूटी न लगाकर उस ग्राम पंचायत के स्थानीय कर्मचारी की ड्यूटी बीएलओ के रूप मे लगायी जा सकती है। वहीं शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 के अनुसार सहायक अध्यापक को गैरशैक्षणिक कार्य मे नही लगाया जा सकता है।निर्वाचन आयोग की ओर से पहली नवंबर से 30 नवंबर तक मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य शुरू किया गया है। इसमें अभी तक रोजगार सेवक, शिक्षामित्र, सफाई कर्मी आदि की ही ड्यूटी लगाई जाती रही है। लेकिन इस बार शिक्षकों को भी ड्यूटी लगा दी गई।

क्या है निर्वाचन आयोग का आदेश3 नवंबर 2010 को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश मे कहा गया है कि किसी कर्मचारी की ड्यूटी बीएलओ के रूप मे उसी भाग संख्या मे लगाई जाए जिस भाग संख्या की निर्वाचन नामावली मे उस कर्मचारी का नाम दर्ज हो।जबकि भारत निर्वाचन आयोग के आदेश को भी नजर अंदाज कर बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है।

क्या कहता है शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 गैर- शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए शिक्षकों की तैनाती पर रोक लगाती है। नियम 21 (3) कहता है कि छात्र-शिक्षक अनुपात बनाए रखने के उद्देश्य से किसी स्कूल में तैनात किसी भी शिक्षक को जनसंख्या जनगणना, आपदा राहत कर्तव्यों या स्थानीय प्राधिकरण या राज्य विधानसभाओं या संसद के चुनावों से संबंधित कर्तव्यों के अलावा किसी भी स्कूल में, अन्य स्कूल या कार्यालय या किसी गैर- शैक्षणिक उद्देश्य के लिए तैनात नहीं किया जा सकता है।

.