यूपी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 5 जनवरी के बाद, जाने तैयारी की खास बातें



उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों और कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मतदान की तैयारियों को लेकर लखनऊ में चुनाव आयोग ने अहम बैठक की हैं।इसके बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस की। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि सभी राजनीतिक दल कोरोना के तीसरे लहर की आशंकाएं के बीच भी समय पर ही चुनाव चाहते हैं। पांच जनवरी, 2022 के बाद चुनाव की तारीखों का एलान होगा। चुनाव में मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया जाएगा। अब सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक वोटिंग होगी। उत्तर प्रदेश में 52.8 लाख मतदाता बढ़ गए हैं। आइये जानते हैं उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग की प्रमुख बातें...



1. उत्तर प्रदेश में विधानसभा का कार्यकाल 14 मई, 2022 को समाप्ति हो रहा है। राज्य में 403 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव होने हैं। सभी मतदान केंद्रों और मतदान कर्मियों के लिए कोविड सुरक्षित प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। मतदान स्थलों पर भीड़ प्रबंधन हेतु प्रवेश और निकास के उचित संकेतांक सुनिश्चित किए जाएंगे। कोविड सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने विशेष रूप से कुछ मौजूदा मानदंडों पर फिर से विचार किया है। एक मतदान केंद्र पर निर्वाचकों की अधिकतम संख्या 1500 से घटाकर 1250 कर दी गई है। राज्य में 1,74,351 मतदान स्थल स्थपित किए जाएंगे जो पिछले चुनावों से 11,020 अधिक है।


2. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश के सबसे बड़े प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में 59 फीसद लोगों ने मतदान किया था। यह चिंताजनक है। इस बार अगर मतदाता मतददन करना चाहता है तो वो अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकता है। इसके लिए आखिरी तारीख 5 जनवरी है। मतदाता को अपने निकटतम बीएलओ से संपर्क करके अपना नाम मतदाता लिस्ट में जुड़वाना होगा या फिर इसके लिए आन-लाइन भी आवेदन किया जा सकता हैं।


3.अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में है और आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है, फिर भी वोट दाल सकते हैं। उसके लिए आपके पास आधार कार्ड, पैन या फिर आफिसियल आईडी कार्ड होना चाहिएं। यूपी में मतदाता पंजीकरण का काम 5 जनवरी तक चल रहा है। 5 जनवरी को फाइनल निर्वाचक नामावली प्रकाशित होगी। इस बार उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ से अधिक मतदाताओं की संख्या है।


4. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि आपको यह जानकर खुशी होगी कि प्रदेश में इस बार के चुनावों में 80 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं और कोरोना संक्रमित मतदाताओं को आयोग द्वारा घर बैठे ही पोस्टल बैलेट की वैकल्पिक सुविधा प्रदान की जाएगी। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। जहां उम्मीदवारों के प्रतिनिधि उपस्थित भी रहेंगे और सम्पूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएंगी। इसमें मतदान की गोपनीयता का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।


5. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव और प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों साथ भी विचार विमर्श किया है। नई गाइडलाइन को संक्रमण की स्थानीय स्थिति को देखते हुए गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों, स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों और राजनीतिक दलों से मशविरा करने के बाद बनाया जाएगा। जल्दी ही इस पर निर्णय ले लिया जाएगा।


6. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अवगत कराया है कि प्रदेश में अब तक लगभग 10.64 लाख दिव्यांग मतदाताओं तथा 80 वर्ष से अधिक आयु के 24.03 लाख मतदाताओं को पहचान की गई है। मतदाता लिंग अनुपात 2017 की अपेक्षा 29 अंक बढ़कर 839 से 868 तक पहुंच गया है। 18 से 19 साल की आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या तीन गुणा बढ़ गई है। यह अब 0.51% से बढ़कर 1.32% हो गई है। महिला मतदाताओं को ध्यान में रखते हुये कम से कम 800 सभी महिला प्रबंधित बूथ बनाए जाएंगे। दिव्यांग मतदाताओं के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था और पिक एंड ड्रॉप सुविधा भी दी जाएगी।


7. राज्य के सभी मतदान कार्मिकों को वैक्सीन की दोनों डोज लेना अनिवार्य है। आयोग के सुझाव के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी चुनाव कर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा देने के निर्देश जारी कर दिए हैं। ताकि उनका टीकाकरण प्राथमिकता से हो सके। जरूरत पड़ने पर सभी योग्य को बूस्टर डोज भी दिया जाएगा।


8. आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को मीडिया में यह प्रसारित करना होगा कि उनके खिलाफ कौन-सी धाराएं लगी हैं, कौन-से मामले चल रहे हैं। राजनीतिक दलों को भी यह प्रसार करना होगा कि उन्होंने ऐसी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को क्यों चुना है। आयोग ने कहा कि चुनाव में पारदर्शिता कायम करने के लिए कम से कम एक लाख बूथ पर वेबकास्टिंग की जाएगी। यह पहली बार होगा जब इतनी बड़ी संख्या में पोलिंग बूथ पर वेबकास्टिंग होगी।


9. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का पर्व है। हम आशा करते हैं कि सभी मतदाता पूरी भागीदारी करेंगे। मैं राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों और नागरिकों से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में अपना सहयोग देने का पुनः आग्रह करता हूं। सभी राजनीतिक दल भी प्रचार-प्रसार के दौरान कोरोना प्रोटोकाल का पालन करें।