प्रयागराज : देर से ही सही, लेकिन माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने आठ साल से अटकी प्रधानाचार्य भर्ती को पूरी कराने की तैयारी कर ली है। साक्षात्कार मतगणना के बाद शुरू होंगे, लेकिन इसकी तिथि 24 घंटे में किसी भी समय घोषित की जा सकती है। पुरानी भर्ती होने के कारण चयन बोर्ड साक्षात्कार की सूचना अभ्यर्थियों को देने के पुराने नियम 21 दिन का पालन भी करना चाहता है। अब मामले में हाई कोर्ट ने 23 फरवरी को सुनवाई के दौरान यदि चयन बोर्ड की मंशा के मुताबिक 31 मार्च तक का समय दिया तो भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। अशासकीय सहायता
प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए वर्ष 2013 में प्रधानाचार्य भर्ती का विज्ञापन चयन बोर्ड ने निकाला था। इसमें 599 पद थे, लेकिन बाद में संशोधन के बाद पदों की संख्या करीब 630 हो गई थी। भर्ती में देरी होने पर इसे जल्दी कराने की मांग को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका लगा रखी है, जिस पर सुनवाई चल रही है। इसमें चयन बोर्ड शपथ पत्र देकर भर्ती कराने के लिए पूर्व में समय ले चुका है, लेकिन तय समय पर भर्ती पूरी नहीं करा पाया। ऐसे में उसने कोर्ट की अवमानना से बचने के लिए नई योजना तैयार की है। इसके तहत 23 फरवरी को सुनवाई से पहले वह साक्षात्कार की तिथि घोषित कर कोर्ट से 31 मार्च तक का समय मांगेगा, जिसके लिए शपथपत्र कोर्ट में लगा रखा है। इसमें चयन बोर्ड साक्षात्कार की सूचना देने के वर्तमान नियम से अधिक समय दे सकता है। बोर्ड ने वर्ष 2021 की प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) भर्ती में साक्षात्कार की सूचना 21 दिन पहले दिए जाने की व्यवस्था को बदलकर 10 दिन कर दिया था। अब चूंकि यह भर्ती पुरानी है, इसलिए चयन बोर्ड साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र भेजने की तैयारी कुछ इस तरह कर रहा है कि 21 दिन के नियम का पालन भी हो जाए। बोर्ड इसलिए ऐसा करना चाहता है, ताकि पुरानी भर्ती के नियम को आधार बनाकर किसी अभ्यर्थी के कोर्ट जाने की संभावना को खत्म कर भर्ती पूरी की जा सके। यहां खास तथ्य यह भी है कि वर्ष 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती में 21 दिन के नियम का पालन न करने पर छह मंडलों का परिणाम अटक गया था, बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर मामला निस्तारित होने पर परिणाम जारी किया जा सका था। फिलहाल साक्षात्कार के लिए समय सीमा पर अंतिम निर्णय चयन बोर्ड को अभी करना है।