हाईकोर्ट ने कहा :- मानवीय संवेदना खो चुके अधिकारी, बीमार बेटे की इलाज को शिक्षिका ने माना था स्थानांतरण


प्रयागराज, अदालत के आदेश के बावजूद शिक्षिका की अंतरजनपदीय आवेदन की अर्जी चार बार मना कर मनमाना आदेश पारित करने पर नाराज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज प्रताप सिंह बघेल को तलब कर लिया है। अदालत ने अपने आदेश को नजरंदाज करने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि सचिव मानवीय संवेदना खो चुके हैं। न्यायालय ने उनको तलब करते हुए स्पष्ट करने को कहा है कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना करने की कार्यवाही की जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने प्रयागराज के जसरा ब्लाक में नियुक्ति शिक्षिका सैयद रुखसार मरियम रिजवी की याचिका पर दिया है।


याची का बेटा सेलेब्रल पालसी बीमारी से पीडि़त है

याची के अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा का तर्क था कि याची ने अपना स्थानांतरण यह कहते हुए प्रयागराज से लखनऊ करने की मांग की थी कि उसका साढ़े पांच वर्ष का बेटा सेलेब्रल पालसी नामक बीमारी से पीडि़त है, जिसका इलाज सिर्फ लखनऊ में संभव है। हालांकि उसका आवेदन इस आधार पर रद की दिया गया कि बेटे की बीमारी के आधार पर अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग नहीं की जा सकती है। इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई।

अवमानना याचिका पर भी आदेश के बाद भी सचिव ने आवेदन निरस्‍त किया

हाई कोर्ट ने सचिव का आदेश रद करते हुए कहा कि बेटे की बीमारी अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग करने का वैध आधार है। न्यायालय ने सचिव का आदेश रद करते हुए उनकी शिक्षिका के आवेदन पर इस आदेश के आलोक में नए सिरे से आदेश पारित करने के लिए कहा। इसके बावजूद सचिव ने विभिन्न आधारों पर आवेदन रद कर दिया। यहां तक कि अवमानना याचिका पर भी आदेश होने के बावजूद सचिव ने दो बार आवेदन निरस्त कर दिया। हाई कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद सचिव ने 27 दिसंबर 2020, 31 मार्च 2021, 16 सितंबर 2021 और 12 फरवरी 22 को शिक्षिका का आवेदन निरस्त कर दिया।

न्‍यायालय ने यह कहा

न्यायालय ने कहा कि याची एक महिला है और पिछले एक वर्ष से अपने तबादले के लिए पिलर टू पोस्ट की तरह चक्कर काट रही है। बेटे की बीमारी को इस अदालत द्वारा अंतरजनपदीय तबादले का वैध आधार बताने के बाद अधिकारी आदेश पर विचार कर सकता है।

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