वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षक नहीं बन सकेंगे प्रयोगात्मक परीक्षा में परीक्षक


इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा- 2022 की प्रयोगात्मक परीक्षाएं अब परीक्षार्थियों के विद्यालय की जगह लिखित परीक्षा के 1 परीक्षा केंद्र में होगी प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों को परीक्षक नियुक्त नहीं किया जाएगा। राजकीय एवं सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक ही परीक्षक नियुक्त किए जाएंगे। परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने प्रयोगात्मक परीक्षा को लेकर सोमवार को नए दिशानिर्देश जारी किए है।


इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में पहले चरण की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 20 अप्रैल से शुरू हो रही है। परिषद के सचिव के अनुसार नई व्यवस्था के तहत केवल राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालय के शिक्षक को ही प्रयोगात्मक परीक्षा में परीक्षक नियुक्त किया जाएगा। उनके मुताबिक अब तक परीक्षार्थियों की प्रयोगात्मक परीक्षा सामान्य रूप से उनके विद्यालय में ही होती थी। लेकिन अब प्रयोगात्मक परीक्षा उनके लिखित परीक्षा के परीक्षा केंद्र में होगी। 

वित्तविहीन शिक्षकों का अपमान है: द्विवेदी
भाजपा के विधान परिषद सदस्य और वित्तविहीन शिक्षक संघ के संरक्षक उमेश द्विवेदी ने प्रयोगात्मक परीक्षाओं में वित्तविहीन शिक्षकों को परीक्षक नियुक्त नहीं करने पर आपत्ति जताई है। द्विवेदी ने कहा कि परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने वित्तविहीन शिक्षकों का अपमान किया है।