अब गुरूजी अभिभावकों को नहीं कर सकेंगे गुमराह


 जिले के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में तैनात शिक्षक अब अभिभावकों को गुमराह नहीं कर सकेंगे। शिक्षक के बारे में अभिभावकों को आसानी से जानकारी हो सकेगी। शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों के बोर्ड पर शिक्षकों की फोटो के साथ उनकी योग्यता दर्शायी जाएगी। पूर्व में औचक निरीक्षण के दौरान कई बार अधिकारियों को स्कूलों में तैनात शिक्षक के स्थान पर करीबी शिक्षण कार्य करते हुए मिल चुके हैं।




जिले में 2364 परिषदीय विद्यालय और 15 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों में हमारे शिक्षक नाम के शीर्षक के साथ बोर्ड लगाए जाएगा। बोर्ड ऐसे स्थान पर लगाया जाएगा, जहां से स्कूल में प्रवेश करने वाले हर अभिभावक, अफसर और जनसामान्य को आसानी से दिख सके। समय-समय पर शिक्षकों के स्थानांतरण, पदोन्नति, सेवानिवृत्ति के बाद बोर्ड को अपडेट किया जाता रहेगा।

बोर्ड पर शिक्षक की फोटो, पदनाम, शैक्षिक योग्यता, विद्यालय में तैनाती, आदि ब्योरा दर्ज करना होगा। जिससे शिक्षक मनमानी न कर सकें। बोर्ड को निर्धारित मानक के अनुसार लगाने का दायित्व प्रधानाध्यापकों और वार्डेन का होगा। विभागीय अधिकारियों, जिला अकादमिक रिर्सोसपर्सन को विद्यालयों के निरीक्षण में हमारे शिक्षक बोर्ड का अवलोकन करने का निर्देश दिया गया है। प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कम्पोजिट और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में बोर्ड लगाने के लिए प्रति विद्यालय के लिए 500-500 रुपये मिलेंगे।