देखें, बेसिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग के किन-किन कार्यों एवं दायित्व का करेंगे निर्वहन



बेसिक शिक्षा के बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा के अधीन हुआ माध्यमिक शिक्षा विभाग, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी


बेसिक शिक्षा विभाग हेतु सृजित महानिदेशक, स्कूल शिक्षा उ0प्र0 के पद के कार्य एवं दायित्व में माध्यमिक शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन समस्त निदेशालयों को समाहित करते हुए विभिन्न कार्य एवं दायित्व प्रदान किये जाने का प्रस्ताव अनुमोदित


मंत्रिपरिषद ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन समस्त निदेशालयों में कार्यरत अधिकारियों / कर्मचारियों पर कार्यकारी / प्रशासनिक नियंत्रण एवं बेसिक शिक्षा विभाग में संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं के त्वरित गति से संचालन एवं प्राथमिक शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार तथा शिक्षकों की दक्षता वृद्धि हेतु सृजित महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश के पद के कार्य एवं दायित्व में माध्यमिक शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन समस्त निदेशालयों को समाहित करते हुए विभिन्न कार्य एवं दायित्व प्रदान किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।


मंत्रिपरिषद ने भविष्य में मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित महानिदेशक, स्कूल शिक्षा ( डी०जी०एस०ई०) सम्बन्धी पद सृजन / अधिकार एवं कर्तव्य आदि के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में किसी प्रकार के तकनीकी संशोधन हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किये जाने का निर्णय भी लिया है।


शासन के 12 दिसम्बर, 2019 के कार्यालय आदेश द्वारा निर्धारित महानिदेशक, स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश के कार्य एवं दायित्वों में विस्तार करते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं बेसिक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष के रूप में सौंपे गये कार्य / दायित्व इस प्रकार होंगे


(1) समस्त निदेशालयों के निदेशकों के मध्य समन्वयन का प्रभावी पर्यवेक्षण ।

(2) समस्त निदेशालयों के समस्त प्रस्तावों / सूचनाओं एवं आख्याओं का परीक्षण कर शासन को प्रेषित करना ।

(3) बजट प्रस्ताव प्राप्त कर परीक्षणोपरान्त प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराना।

( 4 ) निदेशालय एवं अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा निर्गत की गयी वित्तीय स्वीकृतियां, बजट आवंटन, व्यय एवं निधियों के प्रवाह का प्रभावी पर्यवेक्षण |

(5) निदेशालय से उपभोग प्रमाण पत्र प्राप्त कर शासन को उपलब्ध कराना

(6) पी०एफ०एम०एस० आधारित प्रणाली के क्रियान्वयन का पर्यवेक्षण |

(7) समस्त भर्ती प्रक्रियाओं, स्थानान्तरण, सेवा संबंधी मामलों का निस्तारण निदेशक के माध्यम से सम्पादित कराना ।


(8) निदेशक के माध्यम से अध्यापकों हेतु प्रशिक्षण कैलेण्डर तैयार कराना एवं ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार कराकर प्रशिक्षण की व्यवस्था कराना ।

(9) समस्त मानव संसाधन का प्रबन्धन निदेशक के माध्यम से करवाना तथा उसका पर्यवेक्षण करना।

( 10 ) उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा सम्पादित किये जा रहे समस्त कार्यों को निदेशक के माध्यम से सम्पादित कराना, उसका पर्यवेक्षण करना एवं प्रशासनिक नियंत्रण करना

(11) राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 की संकल्पना के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं में सुधार करवाना एवं प्रभावी पर्यवेक्षण करना ।

(12) संस्कृत शिक्षा परिषद् से संबंधित कार्यों को निदेशक के माध्यम से सम्पादित कराना और उसका प्रभावी पर्यवेक्षण करना ।

(13) माध्यमिक निदेशालय के अधीन मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारियों पर प्रशासनिक नियंत्रण करना ।

( 14 ) माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत मानव सम्पदा प्रणाली विकसित कराकर लागू करवाना।

(15) माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के आंकड़ों हेतु एकीकृत पोर्टल विकसित कराकर क्रियाशील बनवाना ।

( 16 ) निदेशक, माध्यमिक की वार्षिक गोपनीय आख्या हेतु प्रस्तावक अधिकारी होंगे।


महानिदेशक, स्कूल शिक्षा के कार्यों एवं दायित्वों में विस्तार होने से बेसिक / माध्यमिक शिक्षा विभाग के विभिन्न निदेशालयों के मध्य सकारात्मक एवं सार्थक कन्वर्जेस स्थापित हो सकेगा, जिसके फलस्वरूप दोनों विभागों के सभी प्रकार के संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा।






मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में गुरुवार को लोक भवन में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग को लेकर बड़े फैसले पर मुहर लगी। प्रदेश में महानिदेशक शिक्षा का ओहदा और बड़ा कर दिया गया है। कैबिनेट बैठक में गुरुवार को 23 प्रस्ताव रखे गए थे, जिनमें से 22 पर मुहर लगी है।


उत्तर प्रदेश कैबिनेट में शिक्षा विभाग को लेकर बड़े प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। प्रदेश में अब बेसिक तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग महानिदेशक स्कूल शिक्षा (Basic and Secondary Education Department Merged) के अधीन होंगे। अभी तक इन दोनों विभाग के अलग-अलग निदेशक होते हैं। प्रदेश में अभी तक सरिता तिवारी (Sarita Tiwari) माध्यमिक शिक्षा विभाग की कार्यवाहक निदेशक हैं, जबकि बेसिक शिक्षा विभाग में भी कार्यवाहक निदेशक शुभा सिंह (Shubha Singh) हैं।


योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने प्रदेश के शिक्षा विभाग को लेकर बड़े फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है। शिक्षा विभाग का सर्वेसर्वा अब महानिदेशक शिक्षा ही होगा। इस पद पर आइएएस अफसर तैनात है। माध्यमिक तथा बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक पद पर विभागीय अधिकारी प्रोन्नत होकर विभाग के मुखिया बनते हैं। अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा के साथ ही अब माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन निदेशालय भी महानिदेशक स्कूल शिक्षा के अधीन होंगे।


बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा अब बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग दोनों का काम देखेंगे। डीजी स्कूल के नियंत्रण में माध्यमिक और बेसिक शिक्षा के सभी विभाग और कार्यालय होंगे। सरकार ने प्रदेश में कक्षा एक से लेकर 12 तक की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए यह फैसला किया है।




बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के लिए होगा एक महानिदेशक, आज की कैबिनेट बैठक में मिल सकती है मंजूरी


लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए अब एक महानिदेशक स्कूल शिक्षा होगा। इसके नियंत्रण में बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के सभी निदेशालय, कार्यालय आएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।


अब माध्यमिक व बेसिक शिक्षा में एक महानिदेशक


लखनऊ : माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग का एक महानिदेशक होगा। बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के बीच तालमेल बनाने के लिए यह नई व्यवस्था की जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कैबिनेट प्रस्ताव भेज दिया है। वहीं दोनों विभागों के प्रमुख सचिव भी एक होंगे।





अब माध्यमिक शिक्षा विभाग भी DGSE के अधीन होगा !


लखनऊ : अव माध्यमिक शिक्षा विभाग भी महानिदेशक के अधीन होगा। वेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के वीच वेहतर समन्वय के लिए प्रदेश सरकार इसकी तैयारी कर रही है। जल्द कैविनेट में इसका प्रस्ताव लाया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा, वेसिक शिक्षा, सभी के लिए शिक्षा परियोजना, एससीईआरटी, मिड-डे मील और वैकल्पिक शिक्षा एवं साक्षरता निदेशालय के अलग-अलग निदेशक होते हैं।



करीव तीन साल पहले स्कूल शिक्षा महानिदेशक का पद सृजित किया गया था । अव माध्यमिक शिक्षा को भी महानिदेशक के ही अधीन करने की तैयारी है। इसके पीछे सरकार का मानना है कि वेसिक और माध्यमिक शिक्षा में अधिकारियों का एक ही कैडर होता है। केंद्र में भी दोनों एक ही विभाग के अधीन हैं।