न्यू पेंशन स्कीम पर राज्य सरकार से जवाब तलब

राज्य कर्मचारियों के लिए लागू नई पेंशन नीति की वैधानिकता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। नई पेंशन योजना के साथ अपर मुख्य सचिव द्वारा 16 दिसंबर 2022 को जारी शासनादेश को भी चुनौती दी गई है। इस शासनादेश से सरकार ने नई पेंशन योजना न अपनाने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने प्रतापगढ़ के चौधरी मोहम्मद मुदस्सिर व दर्जनों अन्य की याचिकाओं पर अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी को सुनकर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक याचियों का वेतन नहीं रोका जाएगा। राज्य सरकार ने 16 दिसंबर 2022 को शासनादेश जारी कर राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा परिषद सहित अन्य सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों व अध्यापकों के लिए नई पेंशन योजना अपनाना अनिवार्य कर दिया है। यह भी कहा है कि जो कर्मचारी नई पेंशन योजना के लिए प्रान नंबर नहीं आवंटित कराएंगे, उनका वेतन जारी नहीं किया जाएगा। कर्मचारियों की ओर से इस शासनादेश को हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी गई है। याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने याचियों का वेतन रोकने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है । इसी प्रकार के एक अन्य मामले में याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना है कि 28 मार्च 2005 को जारी नई पेंशन नीति के तहत मई 2005 के बाद सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गया है।