BEd vs BTC : बीएड वालों को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए पात्र बनाना आसान न होगा, सुप्रीमकोर्ट के आदेश में बदलाव की डगर कठिन

पूरे देश में बीएड और बीटीसी को लेकर एक बड़ा विवाद फिलहाल शुरू हो गया है और यह विवाद राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा लिए गए एक निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में लिया गया एक निर्णय है जिसमें यह बताया गया है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह निर्धारित किया गया है की प्राथमिक कक्षाओं के लिए जो सामान्य रूप से पहली कक्षा से लेकर पांचवी कक्षा तक होती है उन कक्षाओं के लिए यानी कि प्राथमिक विद्यालयों के लिए केवल अब बीटीसी (करने वाले उम्मीदवार ही शिक्षक बन पाएंगे और बीएड को इस रेस यानी इस दौड़ से बाहर कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में एक और नई हवा चल रही है जिसमें यह निकालकर आ रही है की उत्तर प्रदेश में इस निर्णय को लेकर एक बड़ा बदलाव हो सकता है और सभी प्रकार के अभ्यर्थी चाहे वह बीएड के अंतर्गत आते हैं चाहे वह बीटीसी  के अंतर्गत आते हो सभी को शिक्षक बनने का मौका मिलेगा तो आईए जानते हैं क्या है पूरी खबर और अपडेट...



क्या B.Ed vs BTC पर फैसले में होगा बदलाव?

उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध नज़र आ रही है और इसी कड़ी में एक खबर सोशल मीडिया और तमाम मीडिया पोर्टलों पर वायरल हो रही है इसमें यह बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार बीएड और बीटीसी पर जारी किए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर विचार करते हुए इसमें बदलाव करेगी और सभी उम्मीदवार चाहे वह बीएड वाले हो या बीटीसी  वाले सभी को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए पात्रता दी जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है और उत्तर प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि युवाओं को किसी न किसी तरह से रोजगार दिया जाए। बीएड और बीटीसी  के मामले पर फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार ने कोई भी आधिकारिक स्टेटमेंट नहीं दिया है लेकिन यह संभव है कि उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा लाए गए इस जजमेंट पर विचार करें और केवल उत्तर प्रदेश के लिए उम्मीदवारों को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए पात्र बनाएं। हालांकि आसान नहीं होगा और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को चुनौती देना भी गंभीर विषय होगा।