जिन्हें शून्य देना था, 24 अंक देकर पास कर दिया


लखनऊ,। पॉलीटेक्निक की परीक्षा, मूल्यांकन और परिणाम में कुछ भी हो सकता है। पॉलीटेक्निक सम सेमेस्टर परीक्षा के मूल्यांकन के दौरान परीक्षक वीडियो कॉल कर रिश्वत मांगता है तो परिणाम जारी होने के बाद एक ही छात्र के दो-दो परिणाम जारी कर दिए जाते हैं।



जिस फार्मेसी छात्र के नम्बर में बदलाव किया गया, ये उन छात्रों में शामिल है, जिन पर बोर्ड ने परीक्षा समिति के निर्णय के अन्तर्गत उत्तर पुस्तिका में मोबाइल नम्बर लिखने वालों को शून्य अंक देने का निर्णय लिया था। उसी छात्र के परिणाम में 80 में 24 अंक दिख रहे हैं और बाद में 80 में शून्य अंक दिख रहे हैं।

पॉलीटेक्निक सम सेमेस्टर परीक्षा का परिणाम 12 सितम्बर को जारी किया गया था। इस दिन कॉपी पर मोबाइल पर लिखने वाले छात्रों के रिजल्ट में दर्शा रहा था कि कॉपी पर मोबाइल लिखने से इनका रिजल्ट रोका गया है। इसी छात्र की कॉपी का रिजल्ट सही हो गया है, जिस विषय (बायोकेमिस्ट्री-क्लिनिकल पैथोलॉजी 214205) की कॉपी में मोबाइल नम्बर लिखा था, उसमें परीक्षा समिति ने शून्य अंक देने का निर्णय लिया था। परिषद के सचिव अजीत मिश्रा ने छात्र का रिजल्ट चेक करने की बात कही। 18 सितम्बर को सचिव ने छात्र की कॉपी भेजकर बताया कि उसमें 80 में 00 अंक ही हैं। इसके बाद सचिव से पूछा गया कि एक दिन पहले इसी छात्र की कॉपी में 24 नम्बर थे तो बोर्ड सचिव जवाब नहीं दे पाए। हिन्दुस्तान के पास छात्र के दोनों रिजल्ट सुरक्षित हैं। जिस मार्कशीट पर 24 अंक है, उसे वेबसाइट www. bteup. ac. in के रिजल्ट सेक्शन से डाउनलोड करते समय हर स्टेप का स्क्रीन रिकार्ड है।


पॉलीटेक्निक का मामला

उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान तीन सितम्बर को मूल्यांकन केन्द्र बिजनौर से एक परीक्षक ने छात्र को कॉपी दिखायी। परीक्षक को नम्बर उत्तर पुस्तिका पर मिला। इस मामले में परीक्षक मोहित कुमार पर केस हुआ उसमें कॉपी पर मोबाइल नम्बर लिखने वाले छात्र का विवरण भी था। 12 सितम्बर को परिणाम जारी हुआ तो 2504 छात्रों को अंक शून्य मिला।