शिक्षक संकुल बैठकें क्यों बन रही हैं नीरस और अनुत्पादक?


*शिक्षक संकुल बैठकें क्यों बन रही हैं नीरस और अनुत्पादक?*



उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों के लिए शिक्षक संकुल बैठकें एक महत्वपूर्ण अवसर हैं, जहाँ वे अपने अनुभवों को साझा कर सकते हैं, नवाचार सीख सकते हैं, और एक-दूसरे से प्रेरणा ले सकते हैं।


*लेकिन वर्तमान व्यवस्था में, ये बैठकें शिक्षकों के लिए एक बोझ बन जाती हैं। दिन भर विद्यालय में काम करने के बाद, दो घंटे की बैठक में भाग लेना उनके लिए बहुत मुश्किल होता है। इस कारण, बैठकें अक्सर नीरस और अनुत्पादक होती हैं।*



*यह स्थिति अत्यंत निराशाजनक है। शिक्षक कहते हैं कि वे सीखना तो चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें एक उत्साही माहौल की जरूरत है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि बैठकों का समय विद्यालय के बाद नहीं, बल्कि विद्यालय के समय में ही किया जाए। इससे शिक्षकों को बैठकों में भाग लेने के लिए पर्याप्त ऊर्जा मिलेगी, और वे इन बैठकों से अधिक लाभान्वित हो पाएंगे।*