इस जिले में 12 साल में कोई भर्ती नहीं, 18 स्कूलों में सिर्फ 1 परिषदीय शिक्षक: हिमांशु राणा


ये हाल है NCR location का तो बाक़ी जगह का तो छोड़ ही दीजिए, कबसे कह रहा हूँ कि जो PRIME LOCATION हैं वहाँ ये पद छिपा लिए हैं क्योंकि ये जानते हैं कि अगर पूरब के शिक्षकों को पश्चिम में भेज दिया गया तो पूरब के विद्यालय ख़ाली हो जाने हैं।

अभी हाल ही में मात्र सोलह हज़ार लगभग स्थानांतरण किये थे उसमें ही कई एकल विद्यालय ख़ाली हो गए थे उन्हें भरने में ही काफ़ी मशक्त करनी पड़ी थी शासन को और मैं कबसे कहता आ रहा हूँ कि अगर ढंग से सूचना प्राप्त कर ली जाएँ और केस को तरीक़े से लड़ा जाए (केवल लखनऊ बेंच में हमारा ही केस ठीक से चल रहा है बाक़ी के आदेश देख लीजियेगा) तो पद न होने की बात पर कई अधिकारी जेल चले जाएँगे।

अभी कहते हैं RTI ग़लत दी है लेकिन हमने फँसा दिया है और सीधा ये है कि शून्य जनपदों में या तो पदोन्नत्ति भी नहीं होंगी या फिर वहाँ स्थानांतरण भी होंगे, ये ग़लत पंगे में आ गए हैं इन्होंने स्थानांतरण पदोन्नत्ति से पहले करने ही नही थे क्योंकि पदोन्नत्ति और समायोजन के पश्चात रिक्त पदों की सारी स्थिति साफ़ हो जाती लेकिन कहते हैं न कि बाबुओं का दिमाग़ है इन्होंने अपने स्थानांतरण पीछे के दरवाज़े से कर दिये और वाकई जिन्हें और जिन जिलों में ज़रूरत थी ये दबा गए। अब अधिकारी मूते हैं तो साफ़ भी इन्हें ही करना होगा और आकर बताएँ कि कहाँ कितनी रिक्तियाँ हैं जैसा कि कोर्ट बार बार पूछ भी रही है और इनसे जवाब नहीं बन पा रहा है।

जो भी निर्णय होगा अब लखनऊ बेंच से विजेता वाली और मेरी वाली याचिका पर होगा बाक़ी सब अब बेकार हो चुकी हैं और ये आप भविष्य में देखेंगे भी।

Himanshu Rana
9927035996

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