कोर्ट का आदेश छात्र को पिटवाने के मामले में पीड़ित बच्चे को निजी स्कूल भेजें : बीएसए हुए पेश, 10 को जमा होगा हलफनामा


नई दिल्ली,  मुजफ्फरनगर जिला एक स्कूल में होमवर्क पूरा नहीं करने पर सहपाठी छात्रों से एक समुदाय विशेष के छात्र को पिटवाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूपी सरकार से पीड़ित बच्चे को वहां के एक निजी स्कूल में दाखिला कराने का निर्देश दिया है।



शीर्ष कोर्ट ने सरकार को यह आदेश तब दिया, जब राज्य के शिक्षा विभाग ने कहा कि वह पीड़ित बच्चे को सीबीएसई से संबद्ध निजी स्कूल में दाखिला कराने पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन कर रहा है।


जस्टिस अभय एस. ओका और पंकज मिथल की पीठ के समक्ष राज्य के शिक्षा विभाग की ओर से पेश अधिवक्ता ने यह जानकारी दी। जस्टिस ओका ने कहा कि ‘आपको बच्चे के दाखिला दिलाने के लिए समिति क्यों गठित की जा रही है? इसमें समिति क्या करेगी? बस अपने वरिष्ठ अधिकारी से पूछें और वे स्कूल के प्रिंसिपल से बात करेंगे जो दाखिला देने पर विचार करेंगे।’ पीठ ने कहा, मामले के तथ्यों को देखते हुए मुझे नहीं लगता कि कोई भी स्कूल बच्चे को दाखिला देने से इनकार करेगा। कोर्ट ने यूपी सरकार को शुक्रवार तक दाखिला के आदेश का पालन करने के बारे में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।


बीएसए हुए पेश, 10 को जमा होगा हलफनामा

मुजफ्फरनगर। खुब्बापुर में नेहा पब्लिक स्कूल में छात्र की पिटाई सहपाठियों से कराने एवं आपत्तिजनक टिप्पणी मामले की सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुजफ्फरनगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला भी इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए, लेकिन हलफनामा जमा नहीं हो सका। सुप्रीम कोर्ट ने प्रकरण की अगली सुनवाई के लिए 10 नवंबर तारीख है। बीएसए ने बताया कि अब 10 नवंबर में हलफनामा अदालत में पेश करेंगे। सोमवार को फिर से बच्चे के पिटाई प्रकरण के मामले की सुनवाई हुई।


बीएसए शुभम शुक्ला ने बताया कि वह भी कोर्ट में पेश हुए लेकिन कोर्ट ने मामले आज हलफनामा पेश नहीं हो सका। अदालत ने आगामी 10 नवंबर की डेट लगाई है। इसलिए 10 तारीख में वह हलफनामा दायर करेंगे। उन्होंने बताया कि मामले में शिक्षा मंत्रालय की और से बच्चे की काउंसिलिग किंग जार्ज यूनीवर्सिटी से कराने की बात कही है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किंग जार्ज यूनिवर्सिटी एक प्रतिष्ठित संस्था है, लेकिन अदालत से दूसरी संस्था का नाम सुझाया गया है। बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने गत 30 अक्टूबर को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बच्चे की शिक्षा एवं स्कूल आदि पर कार्रवाई को लेकर जवाब मांगा था।


मेरठ आईजी की जांच के बाद चल रही सुनवाई


खुब्बापुर में नेहा पब्लिक स्कूल में छात्र की पिटाई प्रकरण को लेकर महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट उक्त प्रकरण की जांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से कराने के आदेश दिए थे। शासन ने वरिष्ठ आईपीएस मेरठ आईजी नचिकेत को जांच अधिकारी नामित किया। उन्होंने प्रकरण की जांच पूरी कर कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी। उक्त रिपोर्ट को ही शासन ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश की थी।


यह था मामला


खुब्बापुर में नेहा पब्लिक स्कूल में छात्र की सहपाठियों से पिटाई कराने का 25 अगस्त में वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो शिक्षिका तृप्ति त्यागी एक बच्चे की सहपाठियों से कराने एवं उस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करती नजर आती है। पांच का पहाड़ा न सुनने पर शिक्षिका ने बच्चे को यह सजा दी है। वीडियो वायरल होते ही मामला देशभर में सुर्खियों पर आया।