बच्चे और माता-पिता का व्यवहार दिलाएगा कॉन्वेंट स्कूल में दाखिला

 लखनऊ, कार्यालय संवाददाता। नवम्बर का महीना आते ही मिशनरीज स्कूलों में इंट्री लेवल में एडमिशन की दौड़ शुरू हो जाती है। सत्र 2024-25 में प्रेप, नर्सरी में एडमिशन के लिए फार्म मिलना शुरू हो गए है। अब आवेदन करने वाले अभिभावकों के जहन में एक ही सवाल है कि क्या उनके बच्चे का प्रवेश मिशनरीज स्कूल में हो पाएगा या नहीं। स्कूल के प्रधानाचार्य बच्चे से क्या सवाल पूछेंगे और अभिभावकों से कैसे प्रश्न हो सकते हैं। माता-पिता के मन में साक्षात्कार से पहले तक ये सारी बाते चलती रहती है। आपको बता दें कि प्रवेश विशेषज्ञ साफ कहते हैं कि किसी भी मिशनरीज स्कूल में इंट्री लेवल कोई लिखित परीक्षा नहीं होती है। सिर्फ साधारण सा संवाद प्रधानाचार्य, अभिभावक और बच्चे के मध्य होता है। जिसमें बच्चे और उसके माता-पिता का व्हावहार तय कर देता है कि प्रवेश होगा या नहीं।



इन कॉलेजों में अभी आवेदन का मौका

● ला-मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज में लोवर प्रेप में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन 14 नवम्बर तक


● ला-मार्टिनियर ब्वायज कॉलेज में नर्सरी में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन 25 नवम्बर तक


● मोंटफोर्ट इंटर कॉलेज में नर्सरी में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन 15 नवम्बर तक


मिशनरीज स्कूलों में बात सुनने वाले बच्चों को प्राथमिकता

एडमिशन विशेषज्ञ और लखनऊ प्रीस्कूल एसोसिएशन के सचिव डा. तुषार छेतवानी कहते हैं कि मिशनरीज स्कूल में इंट्री लेवल में जो बच्चे जाते हैं उनकी उम्र बहुत कम होती है। ऐसे में जब बच्चा के साथ प्रधानाचार्य या शिक्षक का संवाद होता है तो वह मुख्य रूप से देखते हैं कि बच्चा बात मानने वाला है या नहीं। साथ ही कुछ कर्व सी, डी, क्यू, एस, जैसे अल्फाबेट लिखवा देख लेते हैं और प्रवेश के लिए ऐसे ही बच्चों को प्राथमिकता देते हैं। वहीं बच्चे के माता-पिता के साथ संवाद करते समय मुख्य रूप से यह देखा जाता है कि उनके घर में शिक्षा को लेकर माहौल कैसा है, मा-बाप में स्कूलों के लिए कैसी भावना रहती है, आम तौर पर पूछा जाता है कि कि आपका एक बच्चा दूसरे स्कूल में पढ़ता है तो इसे हमारे स्कूल में क्यों भेजना चाहते हैं, इस सवाल पर कभी भी दूसरे स्कूल की बुराई न करें। साथ ही स्कूल प्रशासन ये भी देखता है कि अभिभावक की प्रवृत्ति स्कूली कामकाज में दखल देने की है या नहीं।