बाराबंकी। जिले के सरकारी 1,256 सरकारी विद्यालयों को 31 दिसंबर तक निपुण विद्यालय घोषित करने का लक्ष्य है। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे निपुण हुए कि नहीं यह जानने के लिए 25 से 30 नवंबर तक डायट के प्रशिक्षु चयनित विद्यालयों में पहुंचकर निपुण ऐप के माध्यम से बच्चों की निपुणता का आकलन करेंगे। 36 में से 27 बच्चों पास होने पर विद्यालय निपुण माना जाएगा। जिले में 2,626 परिषदीय विद्यालयों में
करीब 3.50 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। बीती पांच जुलाई 2021 से निपुण भारत अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का मकसद कक्षा एक से तीन में पढ़ रहे बच्चों को आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान प्रदान करना है, ताकि उनमें पढ़ने, लिखने, अंकगणित और व्याख्या करने की क्षमता में सुधार किया जा सके।
जिले में अब तक 113 विद्यालयों को निपुण घोषित किया जा चुका है। निदेशालय की ओर से 31 दिसंबर 2023 तक 1,256 विद्यालय को निपुण बनाने का लक्ष्य है। 70 एआरपी को 10-10 विद्यालय दिए गए हैं। इस प्रकार 700 विद्यालय एआरपी और बाकी 682 संकुल शिक्षकों के जिउम्मे हैं। विभाग इसकी रोजाना समीक्षा कर रहा है। इससे शिक्षकों में हड़कंप मचा है। क्योंकि बच्चों का निपुण होना उसकी कार्यशैली को परलक्षित करेगा।
बीएसए संतोष देव पांडेय ने बताया कि 25 से 30 नवंबर तक डायट के प्रशिक्षु विद्यालय पहुंचकर निपुण ऐप के जरिये ऑनलाइन आकलन करेंगे।
हर कक्षा से चुने जाएंगे 12 बच्चे
रैंडम आधार पर कक्षा एक से तीन तक हर कक्षा से 12-12 बच्चों का टेस्ट होगा। इसमें एक कक्षा के 75 फीसदी अर्थात नौ बच्चे को पास होना जरूरी है। महानिदेशक शिक्षा विजय किरन आनंद ने निर्देश दिए हैं कि टेस्ट के दौरान सवालों के उत्तर देने में बच्चों का सहयोग नहीं किया जाएगा।