शिक्षक नेता बोले-पहले अन्य दफ्तरों में लागू हो रियल टाइम हाजिरी, शिक्षकों की छवि धूमिल करने की कोशिश


अमेठी। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों व बच्चों को ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश का विरोध तेज हो गया है। शिक्षक संगठन रियल टाइम हाजिरी को सरकारी कार्यालय में लागू करने के बाद स्कूलों में लागू करने की बात कह रहे हैं।

कई शिक्षक डाटा चोरी व नेटवर्क न होने पर ऑनलाइन उपस्थित अपलोड नहीं होने पर वेतन कटौती को बात भी कह रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने कुछ जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शिक्षकों, छात्रों व कर्मचारियों को ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।

फिलहाल जिले में अभी योजना लागू नहीं हुई है। संगठनों ने महानिदेशक को पत्र भेज विरोध जताया है। शिक्षकों को कहना है कि अभी योजना लागू करने से पहले कई सुधार की आवश्यकता है।

ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क, सिम किसके नाम होगा, टैबलेट स्कूल में छोड़ने पर सुरक्षा की जिम्मेदारी किस पर होगी आदि कई सवाल है, जो योजना लागू करने का विरोध करने में शिक्षकों को मजबूर कर रहे हैं।


करें प्रबंध तब लागू करें योजना

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष विवेक शुक्ल ने कहा कि पहले यह तो तय हो कि टेबलेट में सिम किसके नाम का होगा। आईडो किसकी होगी। टेबलेट स्कूल में रहेगा तो चार्ज कहां होगा, और सुरक्षा की जिम्मेदारी किस पर होगी। पहले स्कूलों में सृजित पद के सापेक्ष तैनाती करें फिर योजना लागू करें। बताया कि शिक्षकों की कमी है। बच्चों को निपुण बनाना है और इस बीच नया फरमान ऑनलाइन उपस्थित दर्ज की जाएगी तो समय लगेगा।

उपार्जित अवकाश व हाफ डे सीएल के साथ लागू हो योजना
उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष अब्दुल रसीद ने कहा कि रियल टाइम हाजिरी बहुत अच्छी योजना है। इससे शिक्षकों पर लगने वाले आरोपों में कमी आएगी। शिक्षक काम करता है, समय से स्कूल आता है। योजना लागू हो लेकिन, कुछ रियायत भी मिलनी चाहिए। कहा कि कभी-कभी मौसम के प्रतिकूल होने या अन्य कारणों से कुछ विलंब होने पर योजना के तहत पूरे दिन का वेतन बाधित होगा। पहले उपार्जित अवकाश व हाफ डे सीएल
व्यवस्था लागू होनी चाहिए।



शिक्षकों की छवि धूमिल करने की कोशिश

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक मिश्र ने कहा कि सरकार को पहले रियल टाइम हाजिरी सरकारी कार्यालयों में लागू करनी चाहिए। कहा कि शासन इस तरह की योजना लागू कर धूमिल करने की कोशिश कर रही है। शिक्षकों से सर्वे के बाद योजना लागू करने की दिशा में निर्णय लिया जाएगा। शिक्षक यदि स्कूल नहीं आता है और शिक्षक कार्य नहीं करता तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। टैबलेट से शिक्षक व बच्चों का डाटा चोरी होने के साथ निजता प्रभावित होने की संभावना है।

30 दिन की ईएल का करें इंतजाम

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह का कहना है कि योजना लागू करने से पहले शिक्षकों को 30 दिन का ईएल व हाफ डे सीएल की व्यवस्था लागू की जाय। इसके साथ ही शिक्षकों की अन्य मांगों को पूरा किया जाय।

शिक्षकों को दें राहत

शिक्षक नेता प्रमोद तिवारी का कहना है कि शासन को सबसे पहले शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। जिससे शिक्षकों को राहत मिले। साथ ही शिक्षकों को अन्य कायों से मुक्त कर सोधे पढ़ाई की ही जिम्मेदारी दी जाय