बच्चों का रिपोर्ट कार्ड अभिभावक का विजिटिंग कार्ड नहीं: मोदी


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि माता-पिता को बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड बनाने से बचना चाहिए। ऐसा करना बच्चों के भविष्य के लिए सही नहीं होगा। अपने सालाना लोकप्रिय कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा के सातवें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों और शिक्षकों को भी संबोधित किया। इस साल भारत मंडपम में हुए कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 2.26 करोड़


विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था। अगले दो महीनों में अहम परीक्षाएं देने जा रहे विद्यार्थियों से चर्चा के बीच पीएम ने कहा, कुछ अभिभावक, जो अपने जीवन में बहुत सफल नहीं रहे, वे बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को ही अपना विजिटिंग कार्ड बना लेते हैं। किसी से मिलते हैं, तो बच्चों की कहानी सुनाने लगते हैं। उन्हें एक बच्चे की तुलना दूसरे से नहीं करनी चाहिए। यह 'रनिंग कमेंट्री' बच्चों के भविष्य को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके बजाय उन्हें बच्चों को दबाव के सामने न झुकने में सक्षम बनाना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा, प्रतियोगिता और चुनौतियां प्रोत्साहन देती हैं, लेकिन ये स्वस्थ होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षकों को भी कई अहम सुझाव दिए, जो परीक्षा का तनाव कम करने में कारगर साबित हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने परीक्षा का डर कम करने, विद्यार्थियों पर अपेक्षाओं का दबाव घटाने और सही राह दिखाने का प्रयास किया।

दूसरों से नहीं, खुद से करें प्रतिस्पर्धा

■ दोस्तों के साथ प्रतिस्पर्धा भी अधिक दवाव पैदा करती है। इससे कैसे बचें? (दृष्टि चौहान, पंचमहाल)

पीएम मोदी : दोस्त से कैसी स्पर्धा...? मान लीजिए 100 अंक का प्रश्नपत्र है। आपका दोस्त 90 ले गया, तो क्या आपके लिए सिर्फ 10 अंक बचे हैं? आपके लिए भी तो 100 ही हैं ना। तो आपको उससे नहीं, खुद से स्पर्धा करनी है। वास्तव में तो वह आपके लिए प्रेरणा बन सकता है.


सिर्फ सिलेबस का नाता न जोड़ें शिक्षक

■ मैं अपने छात्रों को किन तरीकों से तनावमुक्त करने में मदद कर सकता हूं। (संपतराव, शिक्षक, आंध्र प्रदेश)

पीएम मोदी : विद्यार्थी के साथ शिक्षक का नाता कक्षा के पहले दिन से शुरू होकर लगातार आगे बढ़ना चाहिए। ऐसा होगा तो परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत ही नहीं आएगी। क्या कभी कोई विद्यार्थी तकलीफ के समय आपको फोन करता है? क्योंकि उसे लगता है कि उसकी जिंदगी में आपका विशेष स्थान नहीं है। जिस दिन आप सिलेबस से आगे बढ़कर उससे नाता जोड़ेंगे, वह अपने मन की बात आपसे जरूर करेगा।


स्मार्टफोन-लैपटॉप के बीच लिखने की आदत बनाए रखें स्मार्टफोन व लैपटॉप के दौर में विद्यार्थियों में हाथ से लिखने की आदत कम होती जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, विद्यार्थी पढ़ाई का कम से कम 50 प्रतिशत समय हाथ से लिखने में लगाएं। इससे परीक्षा के समय लिखने का अभ्यास होगा और परेशानी नहीं आएगी।