यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा की जांच के लिए समिति गठित, 5 दिन पहले आरओ, एआरओ परीक्षा को लेकर भी उठे थे सवाल


यूपी पुलिस पुलिस परीक्षा को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई उम्मीदवार भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के दावे को लेकर सवाल उठा रहे हैं। इससे सभी उम्मीदवारों में आक्रोश है और वो दोबारा एग्जाम कराने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 19 फरवरी को यूपी पुलिस रिएग्जाम और यूपी पुलिस पेपर लीक हैश टैग ट्रेंड करता रहा है।

ऐसे में पुलिस भर्ती और प्रमोशन बोर्ड ने साफ कर दिया है कि यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक की सूचना भ्रामक है। बोर्ड ने यह भी कहा है कि ये सिर्फ अफवाहें और उम्मीदवारों को इनसे बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए। बोर्ड ने सभी उम्मीदवारों को आश्वासन भी दिया है कि भर्ती में कोई अनियमितता नहीं है।



आपको बता दें कि बोर्ड की डीजी ने कहा है कि अभ्यर्थियों द्वारा सोशल मीडिया पर जो समस्याएं बताई जा रही हैं, उन समस्याओं को देखते हुए बोर्ड के द्वारा इंटरनल कमेटी गठित की है? यह कमेटी उन सभी वायरल हो रही क्वेश्चन पेपर और आंसर की जांच करेगी। यह भी देखा जाएगा कि ये सभी चीजें पहले वायरल हुआ हैं या पेपर के बाद वायरल की गई हैं।

5 दिन पहले इस परीक्षा के पेपर लीक को लेकर उठे थे सवाल
यह कोई पहली बार नहीं है, जब यूपी की किसी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के दावे किए जा रहे हों, इससे 5 दिन पहले 12 फरवरी को यूपी लोक सेवा आयोग की 11 फरवरी को आयोजित आरओ/एआरओ परीक्षा की कथित उत्तरकुंजी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद 12 फरवरी को आयोग ने इस मामले की एसटीएफ से जांच कराने की सिफारिश शासन से की थी।



इस भर्ती परीक्षा में करीब 10 लाख से अधिक उम्मीदारों ने हिस्सा लिया था, आयोग ने इस पूरी परीक्षा की जांच के लिए एक आन्तरिक समिति का गठन किया है। आपको बता दें कि आरओ के 334 और एआरओ के 77 कुल 411 पदों के लिए 11 फरवरी को प्रदेश के 58 जिलों में 2387 केंद्रों पर आयोजित परीक्षा को लेकर बवाल हुआ था। अब शुरुआती जांच में आयोग के सामने ये दो बड़े सवाल हैं कि पहला सवाल यह है कि क्या पेपर लीक हुआ भी या नहीं। अगर पेपर लीक हुआ तो किस केंद्र से हुआ।