जानें किस आयकरदाता को कौन सा आयकर रिटर्न फॉर्म भरना है



एक करदाता अपना आईटीआर फॉर्म आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर पूरी तरह से ऑनलाइन दाखिल कर सकता है। वह चाहे तो फॉर्म को आंशिक रूप से ऑनलाइन और आंशिक रूप से ऑफलाइन जेसन (JSON) और एक्सेल यूटिलिटी का इस्तेमाल करके भी दाखिल कर सकता है।


ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया आयकर रिटर्न (आईटीआर) को ऑनलाइन दाखिल करने के लिए सबसे पहले ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपने खाते में लॉग-इन करना होगा। इसके बाद ‘फाइल इनकम टैक्स रिटर्न’ विकल्प पर जाकर रिटर्न को पूरी तरह से ऑनलाइन दाखिल किया जा सकता है। यहां करदाता द्वारा वर्ष वित्त वर्ष में किए गए सभी लेन-देन और कर संबंधी जानकारियां एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस), फॉर्म 26एएस और फॉर्म-16 के माध्मय से पहले से ही दर्ज होती हैं। करदाता को अपनी श्रेणी के अनुसार आईटीआर फॉर्म का चुनाव करना होता है। वेतनभोगियों के लिए आईटीआर-1 फॉर्म प्री-फील्ड यानी पहले से भरा होता है। करदाता को केवल उसमें दर्ज जानकारियों को जांचना होता है। यदि वह उसमें संशोधन करना चाहता है तो उसे यह भी विकल्प मिलता है। अन्य फॉर्म आईटीआर-1 के मुकाबले ज्यादा व्यापक होते हैं, इसलिए इन्हें अधिक सावधानी से भरने की जरूरत होती है।


आरटीआर-1 (सहज) - यह उन लोगों के लिए है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है। इसमें वेतन से आय, घर की संपत्ति, ब्याज से अर्जित आय और 5000 रुपये तक की कृषि आय भी आती है।

आरटीआर-4 (सुगम) - यह उन व्यक्तियों, हिन्दू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) और फर्मों के लिए है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है। इसमें व्यवसाय और पेशे से आय शामिल है।


आईटीआर-2 और 3 - इसका इस्तेमाल आवासीय संपत्ति से आय अर्जित करने वाले लोग कर सकते हैं। आईटीआर-3 फॉर्म कारोबार एवं पेशे से लाभ अर्जित करने वाले लोगों के लिए है। इसके अलावा शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, गैंबलिंग ऐप या सट्टेबाजी से हुई आय के लिए यह फॉर्म भरा जाता है।