08 April 2024

primary ka master: कई शिक्षकों ने समस्या बता चुनाव ड्यूटी कटवाने की लगाई गुहार

pilibhit,  लोकसभा चुनाव में कई ऐसे शिक्षक, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की ड्यूटी लगाई है जो दिव्यांग हैं। किसी के हाथ तो किसी के पैर काम नहीं करते हैं। एक शिक्षामित्र मूकबधिर तो एक सहायक अध्यापक पूर्ण रूप से दृष्टिबाधित भी हैं। ऐसे में इन दिव्यांगों को मतदान कराने में दिक्कत उठानी पड़ेगी। हालांकि दिव्यांगों ने अपनी-अपनी समस्या बताकर चुनाव ड्यूटी कटवाने की अधिकारियों से गुहार लगाई है। बीईओ ने संस्तुति उच्चाधिकारियों को भेजी है।

जिले की लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव में बेसिक के परिषदीय स्कूलों के शिक्षक, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की ड्यूटी लगाई गई है। पूरनपुर बीआरसी क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को पीठासीन अधिकारी व मतदान अधिकारी प्रथम बनाया गया है। कुछ महिला शिक्षकों के अलावा शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को मतदान अधिकारी द्वितीय बनाया गया है। 


बताते हैं कि बीआरसी क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक दिव्यांग शिक्षकों की भी चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है जो ड्यूटी करने में असमर्थता जता रहे हैं। बताते हैं कि खांडेपुर के पीएस, पूरनपुर उच्च प्राथमिक स्कूल के सहायक शिक्षक पैरों से दिव्यांग हैं। अकेला यूपीएस के सहायक अध्यापक पूर्ण रूप से दृष्टिबाधित हैं। इनको पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। खमरिया पट्टी प्राथमिक स्कूल की सहायक अध्यापक, कंपोजिट स्कूल पिपरिया दुलई व नगरिया खुर्दकलां, बिलहरी प्राथमिक आदि स्कूलों के शिक्षामित्र भी दिव्यांग हैं। 



इसके अलावा लोधीपुर कंपोजिट स्कूल के सहायक शिक्षक पैरालाईज्ड हैं। उनका एक हाथ बिल्कुल काम नहीं करता। रसूलपुर स्कूल के शिक्षामित्र को मतदान अधिकारी सेकेंड बनाया गया है। जबकि उनके दोनों हाथ निष्क्रिय हैं और वह बोल भी नहीं पाते हैं। निबाजपुर स्कूल के शिक्षामित्र सुनने में तो मकरंदपुर के सहायक अध्यापक पैर से चलने में असमर्थ बताए जा रहे हैं। रंपुरा कपूरपुर की प्रधानाध्यापक को मतदान अधिकारी प्रथम की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि उनका नौ माह का शिशु हैं। कुछ शिक्षकों में चर्चा हो रही है कि पूरनपुर बीआरसी क्षेत्र के जिन दिव्यांग शिक्षक, शिक्षामित्रों की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है। 



उनको मतदान कराने में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। आरोप है कि कई शिक्षक पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हैं लेकिन उनको चुनाव की ड्यूटी से दूर रखा गया है। हालांकि मतदान कराने में दिव्यांगता की समस्या बताते हुए शिक्षक और शिक्षामित्रों ने बीईओ को प्रार्थना पत्र दिए हैं। इनके अलावा कुछ शिक्षक, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों ने भी अपनी-अपनी समस्या बताकर चुनाव ड्यूटी काटने की गुहार लगाई गई।