पर्चा लीक में दिल्ली का एक सरकारी कर्मी भी शामिल

 लखनऊ। डॉ. शरद की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि प्रयागराज स्थित बिशप जॉनसन गर्ल्स कालेज और लखनऊ के पारा स्थित जीडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल के कर्मचारी, प्रबन्धक व प्रिंसिपल तक शामिल रहे। एक निजी कर्मचारी को तो बिशप जॉनसान कालेज में परीक्षा नियंत्रक बना दिया गया था। वह भी गिरोह के साथ मिल गया। यही वजह है कि एसटीएफ इस मामले में और जानकारी जुटाने के लिये इन दोनों कालेज के कई कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी। इसके लिये वह उन्हें नोटिस भेजने जा रही है। एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह की टीम लगातार लखनऊ और दिल्ली में पड़ताल कर रही है। दिल्ली में एक टीम डेरा भी डाले हुए है।



लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा में अहम भूमिका निभाने वाले आरोपित सुभाष प्रकाश ने दिल्ली के एक सरकारी कर्मचारी की पर्चा लीक कराने में काफी मदद ली। मास्टरमाइन्ड राजीव नयन के लिये खंजाची का काम करने वाला सुभाष प्रकाश और यह कर्मचारी पर्चा लीक प्रकरण में कई लोगों को बेनकाब कर सकते है। यही वजह है कि एसटीएफ अब इन दोनों की तलाश में और तेजी से लग गई है। सुभाष प्रकाश को पकड़ने में एसटीएफ ने सारे जतन कर डाले, लेकिन अभी वह हाथ नहीं आया। सुभाष से जुड़े दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी है।


आरओ भर्ती व सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने पर शासन ने आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश देते हुए जांच एसटीएफ को दी थी। एसटीएफ की छह टीमों ने मुख्य मास्टरमाइन्ड राजीव नयन, डॉ. शरद सिंह पटेल, रवि अत्री, सौरभ शुक्ला व अमित को गिरफ्तार कर लिया था। इसके अलावा भी कई लोग पकड़े गये। राजीव व शरद ने एसटीएफ को बताया कि सुभाष प्रकाश अभ्यर्थियों से होने वाली वसूली का पूरा काम देखता था। साथ ही राजीव नयन को मिलने वाली रकम का हिसाब किताब भी वहीं रखता था। इसी वजह से उसे सब राजीव नयन का खजांची कहते थे।


दिल्ली के कर्मचारी का नाम पहली बार आया

एसटीएफ ने जब चार दिन पहले डॉ. शरद समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया तो उनसे पूछताछ में दिल्ली के एक सरकारी कर्मचारी का नाम पहली बार सामने आया। शिक्षा विभाग से जुड़े इस कर्मचारी से गिरोह का सुभाष प्रकाश ही सम्पर्क रखता था। सिपाही भर्ती व आरओ भर्ती परीक्षा का पर्चा छपने के लिये जब प्रिंटिंग प्रेस तय हुई तब इसी कर्मचारी ने काफी जानकारी गिरोह के सदस्यों को दी थी। दावा यहां तक किया जा रहा है कि दिल्ली के इस सरकारी कर्मचारी का लखनऊ के कई सरकारी विभागों में अच्छी साठगांठ है। पर्चा लीक होने से पहले जब गिरोह के सदस्य साजिश रच रहे थे तब वह भी छुट्टी लेकर लखनऊ आया था। कॉल डिटेल से भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। एसटीएफ ने अभी इस कर्मचारी से पूछताछ नहीं की है। वह सुभाष प्रकाश की गिरफ्तारी का इंतजार कर रही है।