शिक्षामित्र से शिक्षक बने कर्मियों को भी मिले पेंशन, जानिए क्यों?

बहराइच, राघवेंद्र प्रताप  सिंह के नेतृत्व में शिक्षामित्र से शिक्षक  बने शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मण्डल  मंगलवार को पुरानी पेंशन की मांग को  लेकर बीएसए से मिला। मांगपत्र सौंपकर  विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी किया।


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  राघवेंद्र प्रताप सिंह व सुरेंद्र पाल ने बताया कि वर्ष 2001 के बाद नियुक्त शिक्षा मित्रों में से कई शिक्षामित्रों की नियुक्ति गुणांक का लाभ पाकर शिक्षक के पद पर हुई है। सरकार ने वर्ष 2005 के पूर्व के नियुक्ति पाए शिक्षकों को  पुरानी पेंशन के श्रेणी में भेज रही है। इसी क्रम में शिक्षामित्र ने भी 2001 से सेवा निरंतर दी है। फल स्वरूप उन्हें भिन्न-भिन्न भर्तियों 2011, 2014, 2015, 2016 और 2018 व 2020 में गुणांक के आधार पर शिक्षक बनाया गया है।


 इसलिए वह भी पुरानी पेंशन पाने के हकदार हैं। शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने बीएसए से आग्रह किया कि पुरानी पेंशन विकल्प को लिए जाने को लेकर आ रही बाधाओं का प्राथमिकता से निस्तारण कराया जाये।