28 May 2025

तैयारी : सात दिन से कम अवधि वाली एफडी में निवेश कर सकेंगे

 बैंक ग्राहक जल्द ही सात दिन से कम अवधि वाली सावधि जमा (एफडी) योजनाओं में भी निवेश कर पाएंगे। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सभी बैंकों को इसकी अनुमति देने पर विचार कर रहा है।



इस संबंध में आरबीआई ने बैंकों से जरूरी सुझाव मांगे हैं ताकि इस प्रस्ताव को लागू करने की संभावनाओं और चुनौतियों का आकलन किया जा सके। माना जा रहा है कि यह कदम बैंक जमा वृद्धि में कमी के बीच उठाया जा रहा है, क्योंकि 2 मई 2025 तक जमा वृद्धि दर सालाना आधार पर 13% से घटकर 10% रह गई है।


इस मामले से जुड़े अधिकारी के अनुसार, इस प्रस्ताव के तहत बैंकों को अपनी अवधि स्वयं निर्धारित करने की स्वतंत्रता मिल सकती है, जिससे सावधि जमा के प्रति आकर्षण और बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ेगी। पिछले महीने इस मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक ने एसबीआई और पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य सरकारी और निजी बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ अहम बैठक की थी।


2004 में हुआ था बदलाव : वर्तमान में, अधिकांश बैंकों में न्यूनतम सावधि जमा की अवधि सात दिन है, जिसे आरबीआई ने वर्ष 2004 में 15 दिनों से घटाकर निर्धारित किया था। बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई के प्रस्तावित बदलाव से बैंकों को अपनी जमा योजनाओं में अधिक लचीलापन मिलेगा, जिससे वे ग्राहकों को विविध विकल्प प्रदान कर सकेंगे। उन्हें अपनी सहूलियत के अनुसार निवेश का मौका मिलेगा।


जमाकर्ताओं और बैंकों पर असर

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह प्रस्ताव लागू होता है तो जमाकर्ताओं को अल्पकालिक निवेश के लिए अधिक लचीलापन मिलेगा। खासकर कॉरपोरेट्स और व्यवसायी, जो अपने नकदी अधिशेष को कुछ दिनों के लिए निवेश करना चाहते हैं। वे इस योजना से लाभान्वित होंगे। हालांकि, इस कदम से बैंकिंग प्रणाली में अल्पकालिक तरलता बढ़ सकती है, लेकिन बैंकों को जोखिम प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा।


क्या कहती है एसबीआई की रिपोर्ट

एसबीआई रिसर्च की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्याज दरों में तेजी से कटौती के कारण जमा दरों पर तत्काल दबाव पड़ता है, जिससे बैंकों के लिए जमा एकत्र करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस संदर्भ में, कम अवधि की सावधि जमा की पेशकश जमा आधार को बढ़ाने में मदद कर सकती है।