22 July 2025

रेलवे क्रासिंग के पार कर दिया स्कूल का विलय, 27 बच्चों की पढ़ाई बंद, विलय वाला स्कूल तीन किमी दूर

 

राजधानी लखनऊ के महिलाबाद तहसील में रेलवे लाइन के पार प्राथमिक विद्यालय का विलय करने के चलते 27 बच्चों को अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ गई है। यही नहीं विलय वाला स्कूल गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर है। इस कारण यहां स्थानीय लोगों में नाराजगी है और वो बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं।



मलिहाबाद इलाके में स्थित जालामऊ प्राथमिक विद्यालय का विलय कम छात्र संख्या के चलते सहिजना प्राथमिक विद्यालय में किया गया है। जो रहीमाबाद रेलवे क्रासिंग के दूसरी तरफ स्थित है। जालामऊ प्राथमिक विद्यालय में 31 बच्चे पंजीकृत थे जो अब प्राथमिक विद्यालय सहिजना के छात्र हो गए हैं। इनमें से महज 4 बच्चे ही विद्यालय जा रहे हैं, बाकी ने पढ़ाई बंद कर दी है। अब इनके अभिवावक दूसरे स्कूल में इनका प्रवेश कराने जा रहे हैं। सहायक अध्यापक विवेक कुमार ने बताया कि रेलवे ट्रैक के पार करने के कारण डर के मारे कक्षा एक से कक्षा तीन तक के बच्चे बिल्कुल स्कूल नहीं आ रहे हैं। स्कूल में कक्षा चार और पांच के बच्चे ही पहुंच रहे हैं इनकी संख्या भी गिनी चुनी है। इसके बाद भी शिक्षक गांव में जाकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिवावकों को मना रहे हैं।





2004 में चार बच्चों की हो गई मौत

इलाके में ही पड़ने वाले जुगराजपुर गांव के तीन बच्चे 2004 में रेलवे लाइन पार करके अपने स्कूल जा रहे थे। इस बीच ट्रेन की चपेट में आने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई थी। आसपास के लोग जब भी इस घटना को याद करते हैं तो वह सिहर उठते हैं। इस कारण भी माता पिता अपने छोटे बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं।


यहां भी बच्चे नहीं जा रहे विद्यालय

मलिहाबाद के ही प्राथमिक विद्यालय चांदपुर में पहले 29 छात्र थे, जिनको प्राथमिक विद्यालय रसूलाबाद में मर्ज किया गया है। हरदोई लखनऊ हाइवे पर दुर्घटना होने के डर से इसमें एक भी बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है। वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय सहिजना (कक्षा 6 से 8) में 30 बच्चे थे, उनको जौरिया के विद्यालय में मर्ज किया गया है। घर से दो किलो मीटर दूरी की वजह से यहां के बच्चों ने भी पढ़ाई छोड़ दी है। वहीं प्राथमिक विद्यालय लालता खेड़ा का विलय प्राथमिक विद्यालय रानी खेड़ा में किया गया है। विद्यालय में 32 छात्र पंजीकृत थे जिसमें से 11 छात्र ही विद्यालय जा रहे हैं।

रेलवे ट्रैक बना रोड़ा, स्कूल विलय से बच्चों की पढ़ाई पर लगी ब्रेक

मलिहाबाद क्षेत्र में कम छात्र संख्या के कारण किए गए स्कूलों के विलय ने बच्चों की शिक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। रेलवे लाइन या व्यस्त हाईवे के पार स्थित नए स्कूलों तक पहुंचने में खतरा होने के कारण अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। जालामऊ प्राथमिक विद्यालय का सहिजना प्राथमिक विद्यालय में विलय कर दिया गया है, जो रहीमाबाद रेलवे क्रॉसिंग के पार स्थित है। इस विलय से 31 पंजीकृत बच्चों में से सिर्फ 4 ही स्कूल जा पा रहे हैं, बाकी 27 बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है। सहायक अध्यापक विवेक कुमार के अनुसार, कक्षा 1 से 3 तक के बच्चे रेलवे ट्रैक पार करने के डर से नहीं आ रहे। शिक्षक ग्रामीणों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर बच्चों को स्कूल भेजने की अपील कर रहे हैं।


2004 की दर्दनाक घटना आज भी डराती है

2004 में जुगराजपुर गांव के तीन बच्चों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी, जब वे रेलवे लाइन पार कर स्कूल जा रहे थे। इस घटना की याद आज भी स्थानीय लोगों को झकझोर देती है, जिससे अभिभावक छोटे बच्चों को रेलवे पार स्कूल भेजने में हिचक रहे हैं।


अन्य स्कूलों में भी यही हाल

चांदपुर के बच्चों का रसूलाबाद में विलय किया गया, जो हरदोई-लखनऊ हाइवे के पार है। दुर्घटना के डर से एक भी बच्चा स्कूल नहीं जा रहा। इसी तरह, सहिजना के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के बच्चे अब जौरिया भेजे गए हैं, लेकिन घर से स्कूल की दूरी दो किलोमीटर हो जाने के कारण बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है। लालता खेड़ा के 32 छात्रों में से सिर्फ 11 ही रानी खेड़ा के विद्यालय जा पा रहे हैं।

वैल्यू एडीशन के लिए सुझाव

1. नीति या प्रशासनिक प्रतिक्रिया जोड़ें

क्या शिक्षा विभाग ने अभिभावकों की समस्याएं सुनी हैं?

क्या कोई वैकल्पिक व्यवस्था या ट्रांसपोर्ट सुविधा पर विचार किया जा रहा है?


2. ग्राउंड रिपोर्टिंग एंगल

एक या दो अभिभावकों या छात्रों के कोट्स जोड़ें


3. समाधान या सुझाव आधारित हिस्सा जोड़ें

विषय के विशेषज्ञ, जैसे बाल मनोवैज्ञानिक या सामाजिक कार्यकर्ता की राय:


4. फोटो/विजुअल विवरण का सुझाव

रेलवे ट्रैक या खाली पड़े पुराने स्कूल भवन की तस्वीर

छात्र पैदल जाते हुए (अगर संभव हो)