लखनऊ। संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (एस-4) की रविवार को हुई बैठक में प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा परिषदीय विद्यालयों के विलय को लेकर नाराजगी जताई गई। साथ ही 28 जुलाई को सभी जिलों में डीएम के माध्यम से इसके विरोध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने का निर्णय हुआ।
संयुक्त संघर्ष संचालन समिति में विभिन्न विभागों के संगठनों के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर सरकार के इस कदम की निंदा की। साथ ही कहा कि मर्जर से काफी संख्या में दलित पिछड़े व निर्धन
बच्चे पढ़ाई से वंचित हो जाएंगे। बैठक में संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि हजारों पदोन्नति के पद समाप्त हो जाएंगे। रसोईया, शिक्षामित्र और अनुदेशकों के पद समाप्त हो जाएंगे। सभी ने एक स्वर में कहा कि सरकार शिक्षा के निजीकरण की ओर बढ़ रही है।
महासचिव आरके निगम ने कहा कि संगठन के पदाधिकारी उन संगठनों से भी संपर्क करेंगे, जो इसके घटक नहीं है। उनको भी मर्जर के विरोध में एकजुट करने का प्रयास करेगे और संयुक्त रूप से एक बड़े कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। बैठक में विभिन्न विभाग के पदाधिकारी राजेश सिंह, कृतार्थ सिंह, अरुणेंद्र वर्मा अनीश अहमद संदीप कुमार मिश्रा, दिनेश कुमार सिंह अवधेश कुमार वर्मा मजहर, प्रवेश कुमार महेंद्र वर्मा, गोवर्धन, राजीव सिंह, सीएल गुप्ता आदि उपस्थित थे।