14 July 2025

टीजीटी परीक्षा भी टलेगी, 8 दिन बाकी पर जारी नहीं हुए प्रवेशपत्र, :पीजीटी परीक्षा की तारीख भी स्पष्ट नहीं



प्रयागराज। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के 3539 पदों पर भर्ती के लिए 21 व 22 जुलाई को प्रस्तावित लिखित परीक्षा का टलना तय माना जा रहा है। अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र अभी जारी नहीं हुए हैं। सोमवार को प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की बैठक में इस मसले पर निर्णय लिया जा सकता है।



टीजीटी परीक्षा पूर्व में दो बार और प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती परीक्षा तीन बार स्थगित की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी व पीजीटी के 4163 पदों पर भर्ती के लिए 16 जुलाई 2022 को आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर ली थी लेकिन उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के इंतजार में परीक्षा का आयोजन अटका रहा।


आयोग के गठन के बाद पीजीटी परीक्षा की तीन बार तिथियां घोषित होने के बाद परीक्षा स्थगित कर दी गई। वहीं, टीजीटी परीक्षा भी दो बार स्थगित की गई। टीजीटी के 3539 व पीजीटी के 624 पदों पर भर्ती होनी है और इसके लिए कुल 13.19 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इनमें टीजीटी के लिए 8.69 लाख व पीजीटी परीक्षा के लिए 4.50 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हैं।


आयोग ने टीजीटी परीक्षा दो बार स्थगित करने के बाद इसकी तीसरी तिथि 21 व 22

जुलाई निर्धारित की है लेकिन अब इस परीक्षा का टलना भी लगभग तय है। परीक्षा में आठ दिन शेष रह गए हैं और अब तक अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जारी नहीं हुए हैं। सोमवार को आयोग की बैठक है जिसमें टीजीटी परीक्षा को लेकर कोई महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है।




पीजीटी परीक्षा की तारीख भी स्पष्ट नहीं

प्रवक्ता (पीजीटी) परीक्षा तीन बार स्थगित करने

के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में इसे प्रस्तावित किया है लेकिन आयोग ने परीक्षा तिथि को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है। यह परीक्षा थी चौथी बार समय से हो सकेगी या नहीं, इस पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। टीजीटी/पीजीटी भर्ती के मुद्दे पर पिछले दिनों आयोग पर अभ्यर्थियों ने कई दिन आंदोलन किया। इस दौरान अलग-अलग छात्र संगठनों ने आयोग में ज्ञापन देकर सिर्फ एक सवाल पूछा कि आखिर परीक्षा कब होगी। हालांकि, अभ्यर्थियों को इसका जवाब नहीं मिला। बार-बार परीक्षा टलने पर अब आयोग की पूरी कार्यप्रणाली ही सवालों के घेरे में आ गई है।