17 July 2025

एनसीईआरटी किताब में मुगल शासक क्रूर करार


नई दिल्ली, एजेंसी। एनसीईआरटी ने आठवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की नई पुस्तक पेश की है। इसमें मुगल शासकों को क्रूर-निर्दयी बताया गया है।



पुस्तक में मुगल सम्राटों के शासन का वर्णन करते हुए कहा गया है कि अकबर का शासन ‘क्रूरता‘ और ‘सहिष्णुता’ का मिश्रण था। बाबर निर्मम आक्रमणकारी था, जबकि औरंगजेब एक सैन्य शासक था, जिसने गैर-मुस्लिमों पर जजिया लगाया था।


राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तक ‘एक्सप्लोरिंग सोसाइटी : इंडिया एंड बियॉन्ड’ में ‘इतिहास के कुछ अंधकारमय काल पर टिप्पणी’ खंड है। नोट में आग्रह है कि वे ‘क्रूर हिंसा, अपमानजनक कुशासन या सत्ता की गलत महत्वाकांक्षाओं के ऐतिहासिक मूल’ को निष्पक्षता से समझें। अतीत के लिए आज किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।



नई पीढ़ी को पता होना जरूरी है: केंद्रीय मंत्री


केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि मुगलों ने हम पर लंबे समय तक शासन किया। अगली पीढ़ी को इसके बारे में जानना चाहिए। हमें सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए। अगली पीढ़ी को अध्ययन करना चाहिए कि आखिर क्या हुआ था।

एनसीईआरटी की दलील

एनसीईआरटी के सामाजिक विज्ञान पाठ्यक्रम क्षेत्र समूह के प्रमुख मिशेल डैनिनो ने पाठ्यपुस्तक का बचाव करते हुए कहा कि इसमें मुगल शासकों को शैतान बताने का कोई प्रयास नहीं किया गया है।


इनका योगदान शामिल


नई पुस्तक में मराठों, अहोमों, राजपूतों और सिखों पर आधारित अध्याय शिवाजी, ताराबाई और अहिल्याबाई होल्कर जैसी हस्तियों पर प्रकाश डालते हैं और उन्हें दूरदर्शी नेताओं के रूप में चित्रित करते हैं।