लखनऊ । जिले के एक प्राइमरी स्कूल की हालत इतनी खस्ता है कि विधानसभा तक में इसका मुद्दा साल भर पहले उठ चुका है। इसके बावजूद करीब 17 साल से स्कूल को बाउंड्री नसीब नहीं हुई है। नतीजतन, बारिश में स्कूल में पानी घुस जाता है। बच्चे पानी से होकर कक्षाओं में जाने को मजबूर हैं। आसपास के गांवों के अराजकतत्व स्कूल में आकर आकर बैठते हैं। साथ ही छुट्टा जानवरों का आतंक है। वे बरामदे में बैठकर गंदगी फैलाते हैं। बच्चों में संक्रामक रोग फैलने का खतरा मंडरा रहा है। इतना ही नहीं स्कूल में अभियान के तहत कई बार लगाए गए पौधों को भी जानवर चर गए। यह मामला बीकेटी के पूर्व माध्यमिक विद्यालय, सरकपुर सरैंया का है।
सिराथू की सपा विधायक डॉ. पल्लवी पटेल ने 30 अगस्त 2024 को विधानसभा के द्वितीय सत्र में बेसिक शिक्षा मंत्री से सवाल किया था कि क्या मंत्री जी बताने की कृपा करेंगे कि बीकेटी के पूर्व माध्यमिक विद्यालय, सरकपुर सरैंया की बाउंड्री का निर्माण सरकार करवाएगी? यदि हां, तो कब तक। जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने भरोसा दिया था कि बाउंड्री का निर्माण जल्द ही पूरा करा लिया जाएगा। अब दोबारा सत्र खत्म हो चुका है, लेकिन अभी तक इस स्कूल की बाउंड्री का निर्माण नहीं कराया गया है। जिससे स्कूल और यहां पढ़ने वाले बच्चों दोनों की सुरक्षा को खतरा है।
पानी से होकर कक्षाओं में पढ़ने जाते है ंबच्चे
बारिश का सीजन चल रहा है और पिछले दिनों हुई भारी बारिश से पूरे स्कूल परिसर में पानी भर गया था। बच्चे पानी से होकर कक्षाओं में पहुंचे। उनके जूते भीग गए। इसके साथ ही स्कूल परिसर में छुट्टा जानवर घूमते रहते हैं। गोबर की गंदगी है। परिसर जंगल में तब्दील हो गया है। जो भी पौधे लगाए जाते हैं, उनको जानवर चर जाते हैं।
99 छात्र और छात्राएं
माध्यमिक विद्यालय सरैंया में कक्षा छह, सात व आठवीं के 99 छात्र और छात्राएं हैं। भवन तो बन गया था लेकिन बाउंड्री नहीं बनी। उपजी अव्यवस्थाओं पर प्रधानाध्यापिका ने बीएसए और क्षेत्रीय खण्ड शिक्षा अधिकारी को पत्राचार भी किया।