नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आयकर विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी है। यह कानून पुराने आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा। आयकर अधिनियम, 2025 अगले वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा। नया अधिनियम कर कानूनों को सरल बनाएगा। साथ ही कानून में जटिल शब्दों की अधिकता को कम करेगा, जिससे इसे समझना आसान होगा।
आयकर विभाग ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, यह 1961 के अधिनियम का स्थान लेने वाला एक ऐतिहासिक सुधार है, जो एक सरल, पारदर्शी और अनुपालन अनुकूल प्रत्यक्ष कर व्यवस्था की शुरुआत करेगा। आयकर विधेयक, 2025 को संसद के मानसून सत्र में पारित किया गया। नया कानून कर की कोई नई दर
लागू नहीं करता है। यह भाषा को सरल बनाता है, जो जटिल आयकर कानूनों को समझने के लिए आवश्यक था।
नए कानून के तहत अनावश्यक प्रावधानों और पुरानी भाषा को हटा दिया गया है। आयकर अधिनियम 1961 में धाराओं की संख्या 819 से घटाकर 536 कर दी गई है। साथ ही इसके तहत अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 हो गई है। नए आयकर अधिनियम में शब्दों की संख्या 5.12 लाख से घटाकर 2.6 लाख कर दी गई है। स्पष्टता लाने के लिए 1961 के कानून के सघन पाठ के स्थान पर 39 नई सारणियां और 40 नए सूत्र शामिल किए गए हैं।