प्रयागराज भारत सरकार देशभर के स्कूलों की स्वच्छ एवं हरित विद्यालय रेटिंग करने जा रही है। सभी प्रदेशों के स्कूलों से दावेदारी मांगी गई है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य से मात्र 721 विद्यालयों ने रेटिंग के लिए आवेदन किया है, जबकि क्षेत्रफल में 19वें पायदान के प्रदेश पंजाब से सबसे अधिक 15974 और 16वें पायदान के प्रदेश असम से 7000 स्कूलों ने अब तक दावेदारी की है। इस उदासीनता की वजह का ठोस जवाब विभागीय अधिकारियों के पास नहीं है। अनेक क्षेत्र में अग्रसर बन रहे प्रदेश के लिए शिक्षा क्षेत्र की इस श्रेणी में अच्छा करने का अवसर हाथ से जाता दिख रहा है। दावा जरूर कि अंतिम तिथि 31 अगस्त तक अधिकतम स्कूलों का पंजीयन करा लिया जाएगा। उत्तर प्रदेश क्षेत्रफल में देश में चौथे स्थान पर है।
इस योजना में शामिल होने के लिए
https://shvr.education.gov.in/
progress पर पंजीकरण कराना है। किसी भी स्कूल को अधिकतम पांच स्टार दिए जाएंगे। इसके लिए उन्हें अपने परिसर व सुविधाओं की तस्वीरें अपलोड करनी हैं। ये स्कूल जनपद, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किए जाएंगे। स्पर्धा में सरकारी, गैर सरकारी, यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आइसीएसई, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय भी शामिल किए जा रहे हैं। देश के अन्य प्रांतों के आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी क्षेत्र दिल्ली से मात्र 918, छत्तीसगढ़ से 1602, हिमाचल से
1565, झारखंड से 1193, महाराष्ट्र से 4812 विद्यालयों ने स्टार ग्रेडिंग के लिए पंजीयन कराया है।
प्रदेश में प्रयागराज में सब से अधिक 192 स्कूलों ने इसमें हिस्सा लिया है। लखनऊ में 34, बिजनौर में 48, गोरखपुर में 44। आगरा, अमेठी, बलरामपुर, बदायूं, बुलंदशहर, गैतमबुद्धनगर, गोंडा, हरदोई जैसे जिलों में एक भी स्कूलों ने पंजीयन की प्रक्रिया नहीं शुरू की है। राष्ट्रीय मेंटर शत्रुंजय शर्मा के अनुसार कम पंजीयन की वजह सूचना का अभाव व जागरूकता की कमी हैं। उन्होंने बताया कि जल संचयन और संरक्षण, दिव्यांग अनुकूल संरचना, हाथ धुलने की व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण जैसे बिंदु पर मूल्यांकन होगा। साथ ही स्वच्छता और परिसंपत्तियों का रखरखाव, जनजागरूकता अभियान जैसे रैलियां, पोस्टर, नारे में विद्यार्थियों की भागीदारी को भी देखा जाएगा। हरित पहल, विद्यालय में क्लब गठन की गतिविधियों को भी मूल्यांकन का आधार बनाया जाएगा।