*सुप्रीमकोर्ट के निर्णय सार.....*
*कल मा० सर्वोच्च न्यायालय के दो सदस्यीय पीठ ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) अनिवार्यता व अन्य मामलों पर जो फैसला सुनाया है, उसका सार निम्नवत है:-*
*1. माइनॉरिटी संस्थानों पर RTE एक्ट व टेट की अनिवार्यता सम्बन्धी मामला 7 सदस्यीय पीठ से निर्णित कराने हेतु मामला मा० मुख्य न्यायाधीश को रेफेर किया।*
*2. TET के बारे में:- मा० न्यायालय ने अपने आर्डर में कहा है कि-*
*The TET is not only a mandatory eligibility requirement but it is a constitutional necessity flowing from the right to quality education under Article 21A.*
*अर्थात टेट सिर्फ अनिवार्य अर्हता ही नहीं बल्कि अनुच्छेद 21A के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए संवैधानिक आवश्यकता है।*
*3. नियुक्ति और प्रमोशन में टेट की अनिवार्यता:-*
*प्राइमरी में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए, प्राइमरी में हेडमास्टर पद पर प्रोन्नति, उच्च प्राथमिक में सहायक अध्यापक पद पर प्रोन्नति/नियुक्ति व उच्च प्राथमिक में हेडमास्टर बनने के लिए क्रमशः प्राथमिक व उच्च प्राथमिक हेतु होने वाले शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) , सभी के लिए अनिवार्य आवश्यकता होगी।*
*4 .23 अगस्त 2010 से पहले से नियुक्त सेवारत सभी शिक्षकों के मामले में:-*
*ऐसे शिक्षक जो RTE एक्ट 2009 के आने के पहले से भी कार्यरत है, के लिए RTE ACT सेक्शन 23 (2) में कहा गया है कि-*
*“Provided that a teacher who, at the commencement of this Act, does not possess minimum qualifications as laid down under sub-section (1), shall acquire such minimum qualifications within a period of five years.”*
*इसके अलावा सेंट्रल गवर्नमेंट ने भी 03 अगस्त 2017 को अपने पत्र में कहा है कि-*
*the last date to acquire minimum qualifications is 1st April, 2019, and no teacher, who did not possess minimum qualifications under the RTE Act, would be permitted to continue in service beyond the given date.*
*उपरोक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए माननीय कोर्ट ने कहा कि,*
*(A) RTE एक्ट लागू होने के पहले से सेवारत शिक्षकों को आगे सेवारत रहने के लिए अनिवार्य रूप से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास करना होगा, भले ही वह चाहे जब नियुक्त हुआ हो।*
*(B) यद्यपि यदि ऐसे शिक्षक जिनकी सेवा मात्र 5 साल की बची है, उनके लिए टेट अनिवार्य नहींI परन्तु यदि उन्हें प्रमोशन लेना हैं तो टेट अनिवार्य होगा।*
*(C) ऐसे शिक्षक जिनका सेवाकाल 5 वर्ष से अधिक का है, वह आगे तभी सेवारत रहेंगे जब वह आज से 2 वर्ष के भीतर टेट परीक्षा उत्तीर्ण कर लेंगे, अन्यथा उनकी सेवा समाप्त कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दिया जाएगा।*
मेरा विचार-
*दिनांक-23 अगस्त 2010 के बाद नियुक्ति व प्रमोशन के मामलें में टी.ई.टी.की अनिवार्यता तो समझ में आती है, परन्तु कई वर्षों से सेवारत शिक्षकों का टी.ई.टी. उत्तीर्ण न होने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के आदेश से हम सभी पूर्व से सेवारत शिक्षक, शिक्षिकाएं पूर्ण असहमत है-*
*क्योंकि उस समय की बी.टी.सी.की प्रवेश परीक्षा टी.ई.टी.परीक्षा से कम नहीं थी उस समय प्रवेश परीक्षा का पेपर लगभग पी.सी. एस. लोअर परीक्षा के स्तर का पेपर आता था, उस परीक्षा को उसको पास करके ही शिक्षक बने थे, दिनांक- 23 अगस्त 2010 के पूर्व नियुक्त सभी शिक्षक उस समय शिक्षक बनने हेतु सरकार द्वारा निर्धारित सभी अहर्ताओ को पूरा कर रहे थे।*
*आर.टी.ई. एक्ट 20090 के 23 (2) में यदि ऐसा है कि, एक्ट आने के पहले के से कार्यरत शिक्षकों को टी.टी.ई.उत्तीर्ण करनी पड़ेगी तो यह अनुचित नहीं है इसका विरोध आवश्यक है । कोई भी नियम पीछे से नही लगाया जाना चहिए, वह नियम आने के बाद आगे लगाया जाना चहिए।*
*इतने वर्षों से कार्यरत सभी शिक्षकों के लिए टी.ई.टी.अनिवार्य करना बिल्कुल उचित नही है।*
*अगर ऐसा है तो कभी की किसी भी अधिकारी/कर्मचारी/शिक्षक को कोई भी परीक्षा अनिवार्य करके सेवा से कभी भी बाहर किया जा सकता है।*
*दिनांक- 23 अगस्त 2010 के पूर्व सेवारत शिक्षकों को टी.ई.टी. के बगैर अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश के खिलाफ यथासंभव जल्द ही आवश्यक प्रयास किया जायेगा और सभी को प्रयास करना चाहिए।*
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