02 September 2025

टेट नेता vs सुप्रीम आदेश

 

*टेट_नेता_vs_सुप्रीम_आदेश*

-----------------------------------------------



             लखनऊ के यारों और बाजारों का अध्ययन किया तो पाया कि यहां पर एक बाज़ार है #डालीगंज जो सच मे बड़ी अदभुत और निराली है.....यह सिर्फ बाज़ार नही बल्कि पूरा जीवन दर्शन है।निराली मार्केट मे निराला नगर की ओर से डालीगंज रेलवे क्रॉसिंग की तरफ से घुसते ही आपको मिल जायेंगे नि:संतान रोगी हर सोमवार मिलें हकीम एम जुफर पता पाठक जी की गली के पास और फिर जैसे जैसे आगे गोमती ब्रिज की ओर बढ़ेंगे और बाज़ार को पढ़ेंगे तो पंजीरी की दुकानें,फिर बच्चों के खिलौने,और फिर आगे राशन बासन और भाषन के सामान और बिल्कुल अंत मे गोमती पुल के ठीक ऊपर अंतिम संस्कार से जुड़ी सभी सामग्री....ठीक वहीं पर एक चौराहा बनता है,एक बाएं चला जाता है भैंसा कुंड(मोक्ष धाम)....दूसरा दाएं जाता है गुलाला घाट(कम भीड़ वाला मोक्ष धाम)....जबकि ठीक सीधे जाने पर है यहां का किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज...और थोड़ा पीछे आने पर है आईटी चौराहा और लखनऊ विश्वविद्यालय यानी कि पढ़ाई लिखाई का अड्डा!


               हमारे चंदा मामा वाले नेतागण लिख रहे हैं मै इस आदेश से सहमत नही हूं! अबे तुम क्या हो जो तुम्हारी सहमति और असहमति मायने रखेगी?ज्ञान और विज्ञान कहां से कहां पहुंच गया और तुम अभी चंदा मामा मे ही उलझकर उलाहना और असहमति मे धरा पर लोट रहे हो??हद है यार....अंग्रेजी समझ नहीं आती तो किसी अच्छे वकील से ऑर्डर पढ़वा लो....उसका विश्लेषण करवा लो...और अपनी डालीगंज वाली दुकान का जीवन भोगी रूट छोड़कर हमारे शिक्षकों को वापिस पढ़ाई लिखाई वाले आईटी चौराहे तक जाने का परामर्श दो....अन्यथा तुम लोग वहीं हाल करोगे जो हमारे शिक्षामित्र के नेता गाज़ी आला,और शाही ने शिक्षामित्र साथियों का किया...फांसी मंजूर लेकिन टेट नहीं!.....उस समय संभव था कि प्रो शिक्षामित्र सरकार ने जिस प्रकार भाई चारे वाली ट्रेनिंग करवाई थी ठीक वैसे ही इनका टेट भी हो गया रहता,लेकिन फिर दुकानों का क्या होता??अतः लाइक और चंदा पाने के लिये लोगों को भ्रमित न करिए...यह पाप नहीं महा पाप है!


         हमारे ही परिवार के साथी इतना सही और सटीक लिखने पर मुझे बेशक गालियां तो दे सकते हैं लेकिन गालियां देने से सच नहीं बदल जायेगा....अंग्रेजी नहीं मालूम है तो दिल्ली से छपने वाले हिंदी के अखबारों का अवलोकन कर लीजिए!!.....सत्तर कामों मे उलझे हमारे शिक्षक इस फैसले से और उसके प्रभाव से अभी वाक़िफ ही नहीं हैं इसलिए वे अभी भी यू डाइस,प्रेरणा,DBT और प्रशिक्षण मे उलझे होंगे...ऊपर से इन टेट नेताओं की एस्ट्रॉयड और एस्ट्रोलॉजी के सम्मिश्रण वाली राहत भरी पोस्टें आप को तुरंत लगाओ तुरंत आराम,झंडू बाम झंडू बाम वाला फील तो करवा सकती हैं लेकिन स्थाई समाधान कुछ भी नहीं है सिर्फ #सर्जरी के अलावा....


       अन्य राज्य के संदर्भ मे निर्गत माननीय शीर्ष अदालत का यह आदेश उत्तर प्रदेश में लागू नही होगा....ऐसा लिखने वाले आपके दुश्मन हैं उन्हें पहचानिए....शेष बात यह है कि राज्य अभी भी चाहे तो RTE और NEP के सापेक्ष सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय वाला पेपर सेट करवाकर थोक के भाव टेट उत्तीर्ण करवा दे....किंतु उसके लिये भी आपको व्हाट्स ऐप ग्रुपों मे डाली जाने वाली डालीगंज की बाज़ार से बाहर आना होगा,और थोड़ा बहुत तो पढ़ना,लिखना ही होगा।.... यहां यार,गद्दार,बाज़ार और उपचार सब कुछ उपलब्ध है....फैसला आपका आप क्या चुनते हो???

साभार

M.P. Singh