प्रयागराज, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 315 विशेषज्ञों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। विशेषज्ञों के खिलाफ तीन साल में यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले आयोग ने तीन जुलाई 2023 को 100 और 22 अगस्त 2022 को लगभग 80 विशेषज्ञों को बाहर कर दिया था। इस बार की कार्रवाई में विशेषज्ञों की संख्या पिछली दो कार्रवाई की तुलना में सर्वाधिक है।
आयोग के परीक्षा नियंत्रक हर्षदेव पांडेय के अनुसार चयन प्रक्रिया से संबंधित गोपनीय काम (जैसे प्रश्नपत्र बनाना, मूल्यांकन आदि) की गुणवत्ता की आयोग द्वारा नियमित रूप से समीक्षा की जाती है। इस बार जब विशेषज्ञों के काम का मूल्यांकन किया गया तो पाया गया कि कई विशेषज्ञ नियमों और तय मानकों के अनुसार काम नहीं कर रहे थे। इसलिए ऐसे 315 विशेषज्ञों को आयोग के गोपनीय कार्यों से हटा दिया गया है। आयोग के अफसरों का कहना है कि विशेषज्ञों के कार्य निष्पादन की गुणवत्ता की निरन्तर समीक्षा के लिए संस्थागत व्यवस्था विकसित की गई है।
विशेषज्ञों के काम की गुणवत्ता की लगातार समीक्षा की जाएगी। जो विशेषज्ञ नियमों और गुणवत्ता के अनुसार काम नहीं करेंगे, उन्हें भविष्य में भी पैनल से हटा दिया जाएगा। साथ ही, आयोग ने बताया कि चयन प्रक्रिया संबंधी गोपनीय कार्य को बेहतर तथा और अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए देश के जाने-माने और योग्य विशेषज्ञों को भी पैनल में जोड़ा गया है, आगे भी इस विशेषज्ञ पैनल को और मजबूत किया जाएगा। गौरतलब है कि पीसीएस 2024 और आरओ/एआरओ 2023 की परीक्षाओं में गलत प्रश्न को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने काफी विरोध किया था। उसके बाद से ही विशेषज्ञों के खिलाफ कार्रवाई के कयास लगाए जा रहे थे।
● गोपनीय कार्य को गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर आयोग गंभीर
देशभर से विशेषज्ञों को आमंत्रित करता है आयोग
लोक सेवा आयोग अपनी भर्ती परीक्षाओं को गुणवत्तापूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए देशभर से विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को पैनल में शामिल करता है। इसके लिए समय-समय पर ऑनलाइन आवेदन लिए जाते हैं। इनकी सेवाएं प्रश्नपत्र बनाने, मॉडरेशन, उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के साथ ही साक्षात्कार में भी ली जाती हैं।
● तीन साल में विशेषज्ञों के खिलाफ यह तीसरी बड़ी कार्रवाई

